डिफेंस कंपनियों के शेयरों में फिर से तेज उछाल, क्या है इस रिकवरी के पीछे की वजह, विस्तार से समझें
- Defence Stocks: बीते एक साल के दौरान डिफेंस कंपनियों के शेयरों की कीमतों में तूफानी तेजी देखने को मिली है। जून के बाद से ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। अब एक बार फिर से इन डिफेंस कंपनियों के शेयरों में तेजी है।
Defence Stocks: बीते एक साल से निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे रही डिफेंस कंपनियों के शेयरों में लोकसभा चुनाव के बाद गिरावट देखने को मिली थी। इसके पीछे की कई वजहें थी। लेकिन एक बार फिर से इन कंपनियों के शेयरों की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। अचानक ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से डिफेंस कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन में सुधार होने लगा है। हम जिन तीन सरकारी डिफेंस कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन की बात करने जा रहे हैं वो हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और कोचिन शिपयार्ड है।
क्यों गिरने लगे थे डिफेंस कंपनियों के शेयर?
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को चौंका दिया था। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी तो लेकिन अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई। डिफेंस सेक्टर सहित लगभग सभी पीएसयू कंपनियों के शेयरों में चुनावी नतीजों के बाद गिरावट देखने को मिली। बीते 10 साल में मौजूदा सरकार ने डिफेंस कंपनियों के लिए बहुत प्रयास किया। मोदी सरकार को हमेशा जोर रहा कि भारत रक्षा उत्पादों का एक्सपोर्ट करे। सरकार के फोकस का फायदा इस सेक्टर को मिला। लेकिन जब गठबंधन की राजनीति की वापसी ने निवेशकों के मन में संशय बना दिया। जिसकी वजह से अचानक पीएसयू कंपनियों के शेयर बिकवाली के शिकार हो गए। मोटा मुनाफा कमा चुके पुराने निवेशक शेयरों की बिक्री करने लगे।
मजबूत तिमाही नतीजों ने निवेशकों का भरोसा जीता
1- मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का नेट प्रॉफिट दूसरी तिमाही में 585 करोड़ रुपये रहा। जोकि सालाना आधार पर 75.70 प्रतिशत अधिक है। एक साल पहले कंपनी को सितंबर तिमाही में 332.90 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। कंपनी के शेयरों की कीमतों महज एक महीने के अंदर 14 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है। वहीं, बीते 3 महीने में स्टॉक 10.87 प्रतिशत का ही रिटर्न देने में सफल रहा था। बता दें, कंपनी ने पिछले एक साल के दौरान पोजीशनल निवेशकों को 130 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
सितंबर तिमाही में सरकार की कुल हिस्सेदारी 84.80 प्रतिशत थी।
2- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के लिए भी दूसरी तिमाही शानदार रही है। कंपनी के नेट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 22.14 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। सितंबर तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 1510.48 करोड़ रुपये रहा। जोकि बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1236.70 करोड़ रुपये रहा था। दूसरे क्वार्टर में कंपनी का रेवन्यू 5976.29 करोड़ रुपये रहा था। रेवन्यू में भी पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस बार 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
बीते 3 महीने के दौरान इस स्टॉक का भाव 2.94 प्रतिशत घट गया है। लेकिन अच्छी बात यह है कि बीते 2 हफ्तों में कंपनी के शेयरों में 11 प्रतिशत की तेजी आई है। हिंदु्स्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के शेयरों में बीते एक साल के दौरान 67.95 प्रतिशत की उछाल देखने को मिली है। जबकि इस सेंसेक्स महज 13.06 प्रतिशत की बढ़त ही हासिल कर पाया।
3- कोचिन शिपयार्ड के लिए पहली दो कंपनियों की तरह दूसरी तिमाही बहुत शानदार नहीं रही। लेकिन इसके बाद भी कंपनी को 189 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ है। सालाना आधार पर देखें तो कंपनी के नेट प्रॉफिट में 4 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 182 करोड़ रुपये रहा था।
पिछले 2 हफ्तों में इस सरकारी कंपनी के शेयरों का भाव 29.41 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, एक साल से कोचिन शिपयार्ड के शेयरों की कीमतों में 162 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है।
कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी सितंबर तिमाही तक 72.90 प्रतिशत थी।
कंपनी का नाम | एक साल में रिटर्न | 2 हफ्ते में कंपनी का रिटर्न |
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड | 69% | 11% |
कोचिन शिपयार्ड | 162% | 29% |
मझगांव डॉक | 130% | 22% |
भारत के डिफेंस सेक्टर में बड़ा बदलाव
बीते कुछ सालों के दौरान भारत के डिफेंस सेक्टर ने अच्छा विकास किया है। वित्त वर्ष 2023 के दौरान घरेलू डिफेंस प्रोडक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रहा। अनुमान जताए जा रहे हैं कि 2027 तक भारत के डिफेंस सेक्टर का प्रोडक्शन 3 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। भारत दुनिया भर से हथियार खरीदता है। लेकिन पिछले कुछ सालों के दौरान भारत ने डिफेंस सेक्टर ने करोड़ों रुपये का एक्सपोर्ट भी किया है। Stockholm International Peace Research Institute के डाटा के अनुसार बीते वित्त वर्ष में भारत ने 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का डिफेंस एक्सपोर्ट किया है। जोकि 2016-17 के मुकाबले 14 गुना अधिक है।
(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।)
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