Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Can tariff Affect stock market this week or share bazar bounce back

शेयर बाजार पर ट्रंप के टैरिफ का दिखेगा असर या घरेलू मार्केट करेगा वापसी? RBI के फैसलों पर रहेगी निगाह

  • Stock Market News: एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक तरफ निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्क के वैश्विक व्यापार और महंगाई पर व्यापक असर का आकलन कर रहे हैं, वहीं सप्ताह के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक भी है।

Tarun Pratap Singh लाइव हिन्दुस्तानSun, 6 April 2025 05:23 PM
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शेयर बाजार पर ट्रंप के टैरिफ का दिखेगा असर या घरेलू मार्केट करेगा वापसी? RBI के फैसलों पर रहेगी निगाह

Stock Market News: इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों में कई तरह के घटनाक्रमों के बीच काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। एक्सुपर्ट्स ने यह राय जताई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक तरफ निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्क के वैश्विक व्यापार और महंगाई पर व्यापक असर का आकलन कर रहे हैं, वहीं सप्ताह के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक भी है। इसके अलावा अमेरिका से मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आने हैं। ये सभी घटनाक्रम बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशकों को आशंका है कि एक पूर्ण व्यापार युद्ध वैश्विक व्यापार और आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करेगा। ‘श्री महावीर जयंती’ के अवसर पर गुरुवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे।

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क्या है एक्सपर्ट्स की राय

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, “यह सप्ताह वैश्विक और भारतीय बाजारों के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहने वाला है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के विभिन्न देशों पर शुल्क लगाया है, जिससे व्यापक व्यापार युद्ध और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाएं बढ़ गई हैं।” सिंघानिया ने कहा, “अमेरिकी महंगाई के आंकड़े और फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा भी सप्ताह के दौरान जारी किया जाएगा।”

शुक्रवार को भारी गिरावट देखने को मिली थी

कमजोर वैश्विक रुख और व्यापार युद्ध की आशंका की वजह से शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई थी। उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर इस सप्ताह आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे आएंगे। इसके अलावा भारत के औद्योगिक और विनिर्माण उत्पादन के आंकड़े भी आने हैं।

अमेरिकी शेयर बाजार में शुक्रवार को लगभग छह प्रतिशत की गिरावट आई थी, जो 2020 के बाद से वहां के बाजार के लिए सबसे खराब सप्ताह रहा। सिंघानिया ने बताया कि मार्च के लिए चीन का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) का आंकड़ा बृहस्पतिवार को और ब्रिटेन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा शुक्रवार को जारी होगा। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,050.23 अंक या 2.64 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 614.8 अंक या 2.61 प्रतिशत के नुकसान में रहा।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘इस सप्ताह अमेरिकी जवाबी शुल्क की चिंता और क्षेत्र आधारित विशेष शुल्क की घोषणा की संभावना के बीच भारतीय बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहने की आशंका है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, नौ अप्रैल को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा होगी। बाजार रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहा है। 10 अप्रैल को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के साथ कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों के सत्र की शुरुआत होगी।’’

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उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशक इस सप्ताह जारी होने वाले अमेरिका और भारत के मार्च के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी नजर रखेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार भागीदारों की निगाह विदेशी निवेशकों की गतिविधियों, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी।

ट्रंप के टैरिफ ने दी टेंशन

पिछले सप्ताह ट्रंप की शुल्क घोषणाओं और आर्थिक सुस्ती पर नए सिरे से चिंता पैदा होने से शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई थी। मेहता इक्विटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘निवेशकों को डर है कि ट्रंप के शुल्क से अमेरिका में मंदी आएगी और महंगाई बढ़ेगी। इससे दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाएं भी प्रभावित होंगी।’’

जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, “मार्च में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिवाल रहने का रुख अप्रैल में बदल गया है और वे फिर बिकवाल हो गए हैं। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दो अप्रैल को जवाबी शुल्क की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में भी बड़ा बदलाव हुआ है।” उन्होंने कहा, “जवाबी शुल्क उम्मीद से कहीं अधिक हैं। अधिकांश देशों पर बड़े जवाबी शुल्क से अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है। ऐसी भी चिंता जताई जा रही है कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आ सकती है।”

(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले सूझ-बूझ के साथ फैसला करें। यहां प्रस्तुत एक्सपर्ट्स के विचार निजी हैं। लाइव हिन्दुस्तान इस आधार पर निवेश करने की सलाह नहीं देता है।)

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