साइबर ठगों के नए पैंतरों के बीच रोजाना 1.35 करोड़ फर्जी कॉल को रोक रहा नया सिस्टम
- ज्यादातर फर्जी कॉल देश के बाहर के सर्वर से आती हैं और नई प्रणाली ऐसी ज्यादातर धोखाधड़ी वाली कॉल को रोकने में सक्षम हैं। दूरसंचार विभाग के धोखाधड़ी का पता लगाने वाले नेटवर्क ने आज संचार साथी और चक्षु पोर्टल की मदद से लोगों की लगभग 2,500 करोड़ रुपये की संपत्ति बचाई है।
मोबाइल पर आए दिन कभी दूरसंचार विभाग और ट्राई के अधिकारी बनकर मोबाइल नंबरों को काटने तो कभी डिजिटल अरेस्टिंग के मामले सामने आ रहे हैं। अभी कूरियर में ड्रग्स/नशीले पदार्थों की मौजूदगी, खुद को पुलिस अधिकारी बताकर धमकाने, सेक्स रैकेट में गिरफ्तारी की धमकी देने जैसे साइबर अपराधों के मामले भी सामने आए हैं। इन कॉल्स पर रोक लगाने के लिए लाया गया नया सिस्टम भारी पड़ रहा है। इसने अब तक लोगों की 2,500 करोड़ रुपये की संपत्ति बचाने में मदद की है।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर अपराधी भारतीय मोबाइल नंबर को प्रदर्शित करके अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल के जरिए इस तरह के साइबर अपराध कर रहे हैं। ये कॉल देश के भीतर से ही की गई लगती हैं लेकिन असल में इन्हें कॉलिंग लाइन पहचान (सीएलआई) में हेराफेरी करके विदेश से किया जा रहा है। नई प्रणाली इस तरह की कॉल की पहचान करने के लिए बनाई गई है।
520 कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों और बैंकों को इससे जोड़ा गया
केंद्र सरकार ने धोखाधड़ी वाली कॉल रोकने के लिए टेक्निकल सिस्टम तैनात की है, जो रोजाना ऐसी 1.35 करोड़ कॉल को रोक रही है। साइबर अपराध की रोकथाम में यह काफी कारगर है, जो शुरुआती चरण में ही अंकुश लगाती है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसने अब तक लोगों की 2,500 करोड़ रुपये की संपत्ति बचाने में मदद की है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के फोन पर आने वाली मार्केटिंग कॉल और धोखाधड़ी वाली कॉल से निपटने के लिए हमने एक पूर्ण प्रणाली लागू की है। ज्यादातर फर्जी कॉल देश के बाहर के सर्वर से आती हैं और नई प्रणाली ऐसी ज्यादातर धोखाधड़ी वाली कॉल को रोकने में सक्षम हैं। दूरसंचार विभाग के धोखाधड़ी का पता लगाने वाले नेटवर्क ने आज संचार साथी और चक्षु पोर्टल की मदद से लोगों की लगभग 2,500 करोड़ रुपये की संपत्ति बचाई है।
तीन लाख नंबरों को बंद किया
सिंधिया ने कहा कि नई प्रणालियों के कारण करीब 2.9 लाख फोन नंबर बंद हो गए हैं और करीब 18 लाख हेडर ब्लॉक हो गए हैं, जिनका इस्तेमाल संदेश भेजने के लिए किया जाता था। इसके अलावा ऐसे धोखेबाज, जो भारत के बाहर के सर्वर का इस्तेमाल करते थे, लेकिन खुद को +91 नंबर (भारतीय नंबर) के रूप में पेश करते थे, उनकी पहचान भी की जा रही है। हमने ऐसे सॉफ्टवेयर लगाए हैं, जो इन कॉल को रोकते हैं और वह औसतन प्रतिदिन 1.35 करोड़ ऐसे कॉल को ब्लॉक कर रहे हैं।
कई एजेंसियां को इससे जोड़ा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नई प्रणाली से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ ही बैंकों को भी जोड़ा जा रहा है। अब तक 520 एजेंसियों को इसमें शामिल किया गया है। इसके साथ ही दिसंबर तक दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत बचे हुए सभी नियमों को अधिसूचित करना भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
क्या है नई प्रणाली
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले महीने नई 'अंतरराष्ट्रीय इनकमिंग स्पूफ कॉल निवारक प्रणाली' की शुरुआत की थी। दूरसंचार विभाग द्वारा टीएसपी के साथ स्थापित यह उन्नत प्रणाली आने वाली अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉलों की पहचान कर उन्हें ब्लॉक कर देती है। शुरुआत के पहले ही दिन इसने एक करोड़ से अधिक धोखाधड़ी वाली फर्जी कॉल्स को रोका था।
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