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Adani Case: आरोपी CEO की नई कंपनी ने सितंबर में REC से किया था 1.2 अरब डॉलर का निवेश समझौता

  • Adani Bribery Case: नई दिल्ली स्थित Ocior Energy के सह-संस्थापक और सीईओ रंजीत गुप्ता एज्योर ग्लोबल लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी थे, जो 2019 और 2022 के बीच अमेरिकी अभियोजकों द्वारा रिश्वत के आरोपों में कंपनी थी।

Drigraj Madheshia मिंटMon, 25 Nov 2024 07:58 AM
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Adani Bribery Case: दो साल पुरानी जीरो रेवन्यू वाली ग्रीन एनर्जी कंपनी के सीईओ, जिन्होंने हाल ही में आरईसी लिमिटेड से 10,000 करोड़ रुपये (1.2 बिलियन डॉलर) का निवेश प्रतिबद्धता (Investment Commitment) हासिल की है, उन लोगों में से एक हैं, जिन्हें 250 मिलियन डॉलर के अडानी रिश्वत मामले में दोषी ठहराया गया है। नई दिल्ली स्थित Ocior Energy के सह-संस्थापक और सीईओ रंजीत गुप्ता एज्योर ग्लोबल लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी थे, जो 2019 और 2022 के बीच अमेरिकी अभियोजकों द्वारा रिश्वत के आरोपों में कंपनी थी।

ओसिओर के अन्य सह-संस्थापक, इसके सीओओ मुरली सुब्रमण्यन, पहले चेयरमैन थे और फिर एज्योर पावर के सीओओ थे, जब गुप्ता इसके टॉप पर थे। एज्योर पावर से जुड़ने से पहले, गुप्ता और सुब्रमण्यम ने एक्टिस एलएलपी समर्थित रिन्यूबल एनर्जी कंपनी ओस्ट्रो एनर्जी की सह-स्थापना की थी, जिसे रिन्यू पावर ने 2018 में अधिग्रहित किया था।

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आरईसी के साथ एमओयू पर साइन

ओसिओर एनर्जी ने इस साल सितंबर में ओडिशा के शहर गोपालपुर में 200,000 टन ग्रीन अमोनिया, या कार्बन फ्री अमोनिया का उत्पादन करने के लिए एक प्लांट का निर्माण करने के लिए सरकारी फर्म आरईसी के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट हैं दोनों आरोपी

गुप्ता और सुब्रमण्यन दोनों आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट हैं। दोनों ने अगस्त 2022 में Ocior Energy की स्थापना की। अमेरिकी न्याय विभाग की 20 नवंबर की शिकायत के अनुसार, एज़्योर पावर के बोर्ड ने अप्रैल में उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा था।

अमेरिकी न्याय विभाग की शिकायत में गुप्ता के साथ एक अज्ञात "सह-साजिशकर्ता 2" का उल्लेख किया गया है। इसमें यह नहीं बताया गया है कि एज्योर के बोर्ड ने गुप्ता और सुब्रमण्यन को पद छोड़ने के लिए क्यों कहा।

दो साल पहले मामले की शुरू हुई थी जांच

अमेरिकी अभियोजकों ने दो साल पहले मामले की जांच शुरू की थी, जब एज़्योर पावर, जो पहले न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड था। जांच में खुलासा किया गया कि इसकी ऑडिट समिति को 2022 में भारत सरकार के अधिकारियों को अनुचित भुगतान का विवरण देने वाली दो व्हिसलब्लोअर शिकायतें मिली थीं।

25 करोड़ डॉलर के रिश्वत मामले में दोषी

जांच के बाद अमेरिकी अभियोजकों ने भारतीय अरबपति गौतम अडानी और सात अन्य को 25 करोड़ डॉलर के रिश्वत मामले में दोषी ठहराया। बता दें अडानी समूह ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित अपने निदेशकों के खिलाफ आरोपों से इनकार किया है और आरोपों को “निराधार” करार दिया है।

गुप्ता को शनिवार को ईमेल से भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला। सुब्रमण्यन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। यह स्पष्ट नहीं है कि गुप्ता और सुब्रमण्यम ने आरईसी के साथ अमेरिकी जांच के बारे में विवरण साझा किया या नहीं। इस बारे में टिप्पणी के लिए शनिवार को आरईसी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया।

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