90 हजार नौकरीपेशा लोगों पर आयकर विभाग की नजर, टैक्स में गड़बड़ी का है मामला
- जानकारी के मुताबिक अलग-अलग व्यक्ति अपने ITR में आयकर कानून की धारा 80सी, 80डी, 80ई, 80जी, 80जीजीबी, 80जीजीसी के तहत कटौती का गलत दावा कर रहे हैं, जिससे सरकार को मिलने वाले टैक्स में कमी आ रही है।
आयकर विभाग ने बड़ी संख्या में रिफंड के गलत दावों का पता लगाया है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र, दोनों से 90,000 नौकरीपेशा लोगों ने टैक्स से बचने के लिए 31 दिसंबर 2024 तक कुल 1070 करोड़ रुपये की छूट के गलत दावे वापस लिए हैं। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
खूब हुआ नियमों का उल्लंघन
आयकर विभाग के यह संज्ञान में आया कि अलग-अलग व्यक्ति अपने ITR में आयकर कानून की धारा 80सी, 80डी, 80ई, 80जी, 80जीजीबी, 80जीजीसी के तहत कटौती का गलत दावा कर रहे हैं, जिससे सरकार को मिलने वाले टैक्स में कमी आ रही है। सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि ऐसे व्यक्ति सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बड़ी कंपनियों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों, निजी कंपनियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले संगठनों के कर्मचारी हैं। साथ ही, कटौती का गलत दावा करने वालों में से ज्यादातर एक ही कंपनी में काम कर रहे थे।
विभाग के पास मौजूद जानकारी के विश्लेषण से पता चला कि टैक्सपेयर्स के आयकर रिटर्न में धारा 80जीजीबी/80जीजीसी के तहत दावा की गई कुल कटौतियों और दिखाई गई कुल प्राप्तियों के बीच भारी अतंर है। सूत्रों ने कहा कि इसी तरह, धारा 80सी, 80ई, 80जी के तहत दावा की गई कटौती भी संदेहास्पद जान पड़ती है।
नियोक्ताओं की सूची की पहचान
उन्होंने कहा कि नियोक्ताओं (टीडीएस कटौती करने वाले) की एक सूची की पहचान की गई है और टैक्स डिपार्टमेंट यथासंभव अधिक से अधिक व्यक्तियों तक पहुंच बनाएगा, जिनपर धारा 80ई, 80जी, 80जीजीए, 80जीजीसी और अन्य कटौतियों के तहत कटौती का फर्जी दावा करने का संदेह है। सूत्र ने कहा कि विभाग आयकर रिटर्न में गलत तरीके से कटौती का दावा करने के परिणामों और करदाताओं के भूल-चूक को सुधारने के लिए उठाए जा सकने वाले सुधारात्मक उपायों के बारे में जागरूकता के लिए नियोक्ताओं के साथ बैठकें कर रहा है।
गलतियों को सुधारने का मौका
आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार करदाता संबंधित आकलन वर्ष समाप्त होने पर, 2022-23 से 2024-25 के लिए दो साल के भीतर त्रुटियों को सुधारते हुए कुछ अतिरिक्त कर के भुगतान पर अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि स्वैच्छिक कर अनुपालन को बढ़ावा देने और मुकदमेबाजी को कम करने के विभाग के प्रयासों को तेज करने के लिए नियोक्ताओं के साथ बैठकें की जा रही हैं।
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