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₹250 से भी शुरू कर सकेंगे SIP, बदलने जा रहा है म्यूचुअल फंड का नियम

  • Mutual Fund SIP: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानWed, 4 Sep 2024 08:04 AM
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Mutual Fund SIP: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे में अगर आप भी आने वाले समय में एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि म्यूचुअल फंड एसआईपी की न्यूनतम राशि को जल्द ही घटाकर 250 रुपये किया जा सकता है। अभी अधिकांश म्यूचुअल फंड योजनाएं निवेशकों को एसआईपी के जरिए 500 रुपये से निवेश शुरू करने का मौका देती हैं, जो कि न्यूनतम राशि है। माधबी पुरी बुच ने हाल ही में कहा कि 250 रुपये में तो स्टारबक्स की एक कॉफी भी नहीं आती, ऐसे में यह माइक्रो एसआईपी करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचा सकती है। आइए जानते हैं माइक्रो-एसआईपी क्या हैं और इंडस्ट्रीज का इस बारे में क्या कहना है?

माइक्रो-एसआईपी क्या हैं और वे किसके लिए हैं?

माइक्रो-एसआईपी ट्रेडिशनल सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान का एक सस्ता ऑप्शन है। निवेशकों को इसमें केवल ₹50 से ₹100 के मासिक योगदान की आवश्यकता होती है, जबकि एक पारंपरिक SIP के लिए न्यूनतम ₹500 की आवश्यकता होती है। माइक्रो-एसआईपी छोटे कॉर्पस वाले निवेशकों के लिए डिजाइन किए गए हैं, जिनमें ग्रामीण निवासी, दैनिक वेतन भोगी और छात्र शामिल हैं। आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड कथित तौर पर देश का पहला ₹250 प्रति माह एसआईपी विकसित कर रहा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, जुलाई में कुल 9.3 करोड़ एसआईपी खाते थे, जिनमें कुल एसआईपी 23,332 करोड़ रुपये था।

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सेबी साइज क्यों बदलना चाहता है?

यह विचार देश की वेल्थ क्रिएशन प्रोसेस का लोकतंत्रीकरण करना है-जैसे छोटे पाउच में शैम्पू बेचना। बाजार सहभागियों का मानना है कि यह वित्तीय समावेशन के लिए एक अच्छी शुरुआत है क्योंकि आज के छोटे निवेशक कल के बड़े टिकट निवेशक हो सकते हैं। डिजिटलीकरण देश के लगभग हर कोने को छूने के साथ, बाजार नियामक भारत के मौजूदा डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का लाभ उठाना चाहता है ताकि छोटे से छोटे निवेशकों को सुलभ निवेश के अवसर प्रदान किए जा सकें। सेबी प्रमुख ने निवेशकों को जोड़ने और सेवा देने की प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग पर जोर दिया।

क्या माइक्रो-एसआईपी न्यू कॉन्सेप्ट है?

माइक्रो-एसआईपी कोई न्यू कॉन्सेप्ट नहीं है। कई म्यूचुअल फंड एसआईपी प्रदान करते हैं जिनके लिए प्रति माह ₹50 से ₹100 के न्यूनतम योगदान की आवश्यकता होती है। लेकिन उनमें से कोई भी ₹250 प्रति माह एसआईपी की पेशकश नहीं करता है। नवी एएमसी ₹10 प्रति माह के एसआईपी विकल्पों के साथ म्यूचुअल फंड भी प्रदान करता है। कॉर्पस के इस नए स्तर की शुरुआत के साथ, सेबी एक निवेश योजना प्रदान करना चाहता है जो सभी को पूरा करता है।

 

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इस कदम के क्या फायदे हो सकते हैं?

माइक्रो-एसआईपी से सबसे छोटे निवेशक वित्तीय बाजारों से जुड़ सकेंगे। इसका मकसद अधिक से अधिक लोगों तक इस योजना को पहुंचाना है और इसे निवेशकों के लिए अधिक सुलभ बनाना है। साथ ही निवेशकों का एक बड़ा और विविध आधार एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के लिए भी अच्छा रहेगा। बता दें कि जुलाई की शुरुआत में बुच ने कहा था कि अगले 3 सालों में 250 रुपये महीने से भी कम निवेश करके एसआईपी के जरिए से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या बढ़ती जा रही है। एसबीआई म्यूचुअल फंड के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, "250 रुपये का एसआईपी न केवल वास्तविक होगा, बल्कि यह हमारे उद्योग के लिए बेहद लाभदायक भी होगा।"

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