मूत्राशय, किडनी एवं प्रोस्टेट संबंधी रोगों के विशेषज्ञ: डॉ. निखिल चौधरी
बदलती जीवनशैली या उम्र बढ़ने के कारण लोगों में मूत्र रोग का होना आम बात है। मूत्र संबंधी समस्याओं का समय पर इलाज कराना बेहद अहम है। विशेषज्ञ बताते हैं, कि यदि मूत्र समस्याओं का समय रहते इलाज नहीं...

बदलती जीवनशैली या उम्र बढ़ने के कारण लोगों में मूत्र रोग का होना आम बात है। मूत्र संबंधी समस्याओं का समय पर इलाज कराना बेहद अहम है। विशेषज्ञ बताते हैं, कि यदि मूत्र समस्याओं का समय रहते इलाज नहीं कराया गया तो ये गंभीर रूप ले सकती हैं। पटना में सेवारत डॉ. निखिल चौधरी मूत्र से संबंधित सभी समस्याओं का प्रभावी समाधान उपलब्ध करा रहे हैं।
मूत्र पथ संक्रमण जैसी सामान्य समस्याओं से लेकर इससे संबंधित कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए मूत्र रोग विशेषज्ञ से समय पर सलाह लेना बेहद अहम है। ज्यादातर मामलों में यदि आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं या सुधार नहीं होता है। तो आपका प्राथमिक चिकित्सक आपको मूत्र रोग विशेषज्ञ के पास ही भेजता है। गुर्दा, मूत्राशय, प्रोस्टेट एवं यौन संबंधी रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. निखिल चौधरी कहते हैं कि अगर आपको मूत्र से संबंधित समस्या है तो शर्माए नहीं, बल्कि तत्काल इलाज कराएं। इसका असर सीधे किडनी और लीवर पर पड़ता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।
बड़ी उम्र में बढ़ती है समस्या
डॉ. निखिल बताते हैं कि 50 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं व पुरुषों में बार-बार लघुशंका की शिकायतें शुरू हो जाती हैं। इसके बाद यह बीमारी लगातार बढ़ती जाती है। इसका मुख्य कारण है इंफेक्शन, महिलाओं में मासिक बंद होने के बाद हार्मोन में परिवर्तन, गलत खान-पान एवं मधुमेह। इस बीमारी से करीब 50 फीसदी पुरुष, 60 फीसदी महिलाएं व बिस्तर पर पेशाब करने वाले 15 फीसदी बच्चे प्रभावित हैं।
मूत्र संबंधी समस्या के लक्षण
• मूत्र में रक्त की उपस्थिति , एक स्थिति जिसे हिमाट्यूरिया भी कहा जाता है।
• बार बार तत्काल पेशाब करने की आवश्यकता होती है।
• पेशाब के दौरान जलन या दर्द।
• पेशाब करने में कठिनाई।
• यदि आप अपनी पीठ के निचले हिस्से, पेडू या दोनों तरफ दर्द का अनुभव करते हैं।
• मूत्र का रिसाव।
• कमजोर मूत्र प्रवाह या मूत्र का टपकना।
निम्न समस्याओं का प्रभावी इलाज उपलब्ध करा रहे हैं डॉ. निखिल
• पेशाब में खून आना।
• पेशाब करते समय मूत्र नली में जलन होना, दर्द होना।
• गुर्दे, पेशाब की नली एवं पेशाब की थैली की पथरी के लिये बच्चों की जननांगों की विकृति के लिये।
• महिलाओं में खांसने, झुकने या भारी वस्तु उठाने पर पेशाब का निकल जाना
• किडनी के कैंसर का ऑपरेशन।
• इनफर्टिलिटी का ईलाज।
• किडनी के नली में रुकावट का ऑपरेशन।
• बच्चे का अण्डकोष नीचे नहीं आना।
• पेशाब की थैली का कैंसर।
• खराब हुई किडनी को हटाना।
• किडनी की नली में रुकावट का ऑपरेशन।
• महिलाओं में पेशाब का चूना।
• महिलाओं में प्रसव में बाद पेशाब का चूना।
निम्न सर्जिकल प्रोसीजर में कुशल
• गुर्दे, प्रोस्टेट एवं मूत्राशय की दूरबीन विधि द्वारा सर्जरी।
• गुर्दे, प्रोस्टेट एवं मूत्राशय के कैन्सर का सर्जरी द्वारा इलाज।
• बच्चों में होने वाले मूत्र रोगों एवं जननांगों की विकृतियों का सर्जरी द्वारा इलाज।
• मूत्र नलिका की सिकुड़न (यूरीधरल स्ट्रिक्चर) फिस्टुला (वी.वी.एफ) का सर्जरी द्वारा इलाज।
• दूरबीन द्वारा मूत्रमार्ग की जांच।
• हाइपोस्पेडिया (Hypospadias) सर्जरी ।
• किडनी में पत्थर का दूरबीन से ऑपरेशन।
टीयूआरपी (TURP) की सुविधा
ट्रांस यूरेथ्रल रिसेक्शन ऑफ प्रोस्टेट (टीयूआरपी) एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसमें पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट ग्लैंड) के कुछ हिस्सों को निकाल दिया जाता है। टीयूआरपी सर्जरी को बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया का इलाज करने के लिए किया जाता है।
यूरेथ्रोप्लास्टी (Urethroplasty) की सुविधा
यह सर्जरी बेहद एडवांस और जटिल प्रक्रिया है। इस सर्जरी के दौरान पेशाब की नली में रक्त प्रवाह को सुनिश्चित करते हुए पेडू की हड्डी के निचले हिस्से को काटकर पेशाब की नली के दो कटे हिस्सों को जोड़ा जाता है।
परक्यूटेनियस नेफ्रोस्टोलिथोट्रिप्सी (पी. सी. एन. एल.) की सुविधा
इस प्रक्रिया के तहत सर्वप्रथम एक्स-रे या अल्ट्रासाउण्ड रिपोर्ट के आधार पर विशेष सुई द्वारा गुर्दे में छोटा सा छेद ( 4 एमएम तक) करके एक तार डाला जाता है। इसके बाद एक विशेष तंत्र के द्वारा होल्मियम लेजर तकनीक के प्रयोग से पथरी तोड़ कर निकाल दी जाती है। इस तकनीक से मरीज़ शीघ्र ही पथरी रहित हो जाता है। अब मिनि/ माइक्रो पी.सी.एन.एल. की सुविधा भी उपलब्ध है।
मूत्र रोगों को न करें नजरंदाज : डॉ. निखिल
बदलती जीवनशैली के कारण लोगों में मूत्र रोग होना आम बात है। समय रहते ध्यान ना देने पर समस्या गंभीर हो जाती है। मूत्र रोगों से बचाव के लिए शरीर की साफ-सफाई और खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पानी खूब पिएं, ताकि विषाक्त पदार्थ पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकल जाए। यूरिन संबंधित कोई परेशानी होने पर उसे नजरअंदाज ना करें क्योंकि इससे किडनी खराब होने का खतरा बना रहता है। यूरिन में किसी प्रकार के परिवर्तन पर सही जांच करा कर इलाज शुरू करा देना चाहिए। गर्मी के मौसम में गुर्दे की पथरी आम है। गुर्दे की पथरी के मरीजों को नमक, मांसाहारी भोजन, चॉकलेट, कोक, चाय और कॉफी कम लेना चाहिए और प्रतिदिन कम से कम 12 गिलास (2-3 लीटर) पानी पीना चाहिए।
बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि (गदूद) बढ़ जाने के कारण बी.पी.एच. की समस्या बहुत ही आम समस्या है इसके लिए दवाइयों के द्वारा एवं अति विशिष्ट दूरबीन तकनीक के द्वारा इसका सफल इलाज अब पटना में हो रहा है।
डॉ. निखिल चौधरी प्रोफाइल संक्षेप :
डॉ. निखिल चौधरी (एम.एस. सर्जरी)
एम.सीएच मूत्र रोग विशेषज्ञ
आई.जी.आई.एम.एस
मूत्र रोग विशेषज्ञ एवं यौन रोग विशेषज्ञ
मूत्र रोग कैंसर सर्जन
फोन : 9939219883 / 9334494314
Disclaimer :
(इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति/संस्थान की है।)
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