गोल इंस्टीट्यूट रच रहा इतिहास, बड़ी संख्या में नीट-जेईई में छात्र - छात्राओं को मिल रही सफलता
गोल इंस्टीट्यूट लगातार रिकॉर्ड बना रहा है। बड़ी संख्या में यहां के छात्र नीट और जेईई प्रवेश परीक्षा में सफल हो रहे हैं। एक बार फिर गोल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने सफलता का एक रिकॉर्ड बनाया है।

गोल इंस्टीट्यूट लगातार रिकॉर्ड बना रहा है। बड़ी संख्या में यहां के छात्र नीट और जेईई प्रवेश परीक्षा में सफल हो रहे हैं। एक बार फिर गोल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने सफलता का एक रिकॉर्ड बनाया है। 10- 20 नहीं, सैकड़ों छात्रों ने मेडिकल-इंजीनियरिंग की परीक्षा में बाजी मारी है। खास बात यह रही कि इस बार टॉपर्स की सूची में गोल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने एक अलग ही इतिहास रच दिया है।
रिजल्ट फैक्ट्री: रिजल्ट देने में सबसे आगे
गोल इंस्टीट्यूट की सफलता का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। पिछले 27 वर्षों से गोल इंस्टीट्यूट मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक विश्वसनीय संस्थान बना हुआ है। अब तक 17 हजार से अधिक छात्र मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में पास हो चुके हैं। एम्स- दिल्ली, एमएएमसी-दिल्ली, एम्स-भोपाल,एम्स- गोरखपुर, जीएमसी-मुंबई, बीएचयू- वाराणसी, पीएमसीएच-पटना, रिम्स- रांची, जैसे संस्थानों के लिए गोल इंस्टीट्यूट के छात्र चयनित हो चुके हैं। आज बिहार-झारखंड सहित देश के लगभग सभी अस्पतालों में गोल इंस्टीट्यूट से पढ़े छात्र, डॉक्टर के रूप में कार्य कर रहे हैं। दूसरी तरफ इंजीनियरिंग की तैयारी करनेवाले छात्रों के लिए भी गोल इंस्टीट्यूट श्रेष्ठ मार्गदर्शक बन रहा है। महज दो वर्षों में ही आईआईटी सहित कई बड़े संस्थानों के लिए यहां के छात्र चयनित हुए हैं। वर्ष 2024 में नीट में जहां 600 से अधिक छात्र सफल रहे हैं, वहीं टॉपर्स सूची में भी गोल इंस्टीट्यूट के छात्र जगह बनाने में सफल रहे हैं। दूसरी तरफ जेईई 2024 में कई छात्र चयनित होकर आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रुड़की, एनआईटी पटना सहित कई बड़े इंजीनियरिंग संस्थानों में पढ़ रहे हैं।
गोल इंस्टीट्यूट मतलब टॉपर्स हब
देशभर में मेडिकल-इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करानेवाले कोचिंग संस्थानों की भरमार है, लेकिन कोचिंग संस्थानों की इस भीड़ में गोल इंस्टीट्यूट की एक अलग पहचान बन गई है। खासकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा- नीट की तैयारी के लिए आज यह छात्रों का पसंदीदा कोचिंग संस्थान बन गया है और इसका सबसे बड़ा कारण है, यहां से स्टेट और नेशनल टॉपर्स का निकलना। रिजल्ट ओरिएंटेड एजुकेशन होने के कारण गोल इंस्टीट्यूट के छात्र नीट में न सिर्फ टॉप स्टेट रैंकर्स बन रहे हैं, बल्कि ऑल इंडिया रैंकर्स बन कर भी सबका मान बढ़ा रहे हैं। पिछले कई वर्षों से स्टेट टॉप-10 रैंकर्स में गोल के छात्र रह रहे हैं। वर्ष 2024 में भी गोल इंस्टीट्यूट के कई छात्रों ने 710/ 720 अंक प्राप्त कर परचम लहराए हैं। केशव एस. समदर्शी जहां एम्स दिल्ली के लिए सेलेक्ट हुए हैं, वहीं शुभम कुमार- एमएएमसी, दिल्ली, गौरव कुमार-एमएएमसी, दिल्ली, निखिल कुमार गुप्ता- एम्स भोपाल, मो. सैफ अली-जीएमसी, मुंबई, हेमा मेहता- एम्स, भोपाल, सौभव कुमार- बीएचयू, वाराणसी जैसे टॉप संस्थानों के लिए चयनित हुए हैं। आईआईटी-जेईई जैसी परीक्षाओं में भी गोल की सफलता के परचम लहरा रहे हैं।
छात्रों के प्रोत्साहन के लिए स्कॉलरशिप
गोल इंस्टीट्यूट के इंट्रेंस टेस्ट में पास होने के बाद ही छात्रों का नामांकन होता है। खास बात यह है कि जो छात्र अच्छे अंक से टेस्ट पास करते हैं, उन छात्रों को इंस्टीट्यूट की ओर से स्कॉलरशिप दी जाती है। यह स्कॉलरशिप उनके मार्क्स के आधार पर दिया जाता है यानि जिस छात्र का जैसा प्रदर्शन होता है, वैसी स्कॉलरशिप दी जाती है। विशेष स्कॉलरशिप के कारण सामान्य परिवार से आनेवाले छात्रों के लिए गोल इंस्टीट्यूट एक पसंदीदा संस्थान बन चुका है।
शुरू में ही कॉन्सेप्ट क्लियर
गोल इंस्टीट्यूट में छात्रों के बेसिक कंसेप्ट क्लियर करने और नींव मजबूत करने के लिए अलग-अलग विशेष कोर्स कराए जाते हैं, जैसे- 9वीं और 10वीं में जो छात्र जानेवाले होते हैं, उन्हें प्री-फाउंडेशन कोर्स कराया जाता है। इसी तरह 10 वीं पास या 10 वीं की परीक्षा देनेवाले छात्रों को फाउंडेशन कोर्स कराया जाता है। 11 वीं पास या 11 वीं की परीक्षा देनेवाले छात्रों के लिए फ्रेशर कोर्स और 12 वीं पास या 12 वीं की परीक्षा देनेवाले छात्रों के लिए टारगेट कोर्स कराया जाता है।
गोल एजुकेशन विलेजः छात्रों और अभिभावकों की पहली पसंद
गोल एजुकेशन विलेज छात्रों की सफलता का प्रवेश द्वार बन चुका है। यह मॉर्डन गुरुकुल कंसेप्ट पर आधारित कैंपस है। यह कैंपस बिहटा पैनाल में है और 15 एकड़ में फैला हुआ है। यहां एक साथ एक हजार छात्र नीट की तैयारी करते हैं। वास्तव में, नीट की तैयारी करनेवाले छात्रों के लिए यह वरदान बन चुका है। प्रतियोगी माहौल, सख्त अनुशासन, समृद्ध लाइब्रेरी, स्पेशल केबिन, मॉर्डन क्लासरूम, मॉर्डन एम्फीथिएटर, कैफेटेरिया, रेसिडेंशिएल फैसिलिटी, हेल्थ सेंटर आदि के कारण यह कैंपस छात्रों और अभिभावकों की पहली पसंद बन चुका है। घर-परिवार और मोबाइल से दूर रह कर छात्र पूरी तन्मयता के साथ यहां अपनी तैयारी करते हैं। तैयारी और माहौल का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि हर साल 90 प्रतिशत से अधिक छात्र नीट में सफल हो रहे हैं। छात्रों की यह सफलता हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। यही कारण है कि गोल एजुकेशन विलेज में अपने बच्चों के नामांकन के लिए अभिभावक हमेशा रोमांचित दिखते हैं।
प्रवेश परीक्षा के आधार पर नामांकन
गोल इंस्टीट्यूट में नामांकन की प्रक्रिया बिल्कुल अलग है। यहां सीधे प्रवेश की बजाय इंट्रेंस टेस्ट के जरिए छात्रों का चयन किया जाता है। इसके लिए हर शनिवार और रविवार को सुबह 11 बजे से 1 बजे तक इंट्रेंस टेस्ट लिया जाता है। इंट्रेंस टेस्ट फॉर्म मात्र 200 रूपये में मिलता है और छात्र इसे इंस्टीट्यूट के वेबसाइट से डाउनलोड करते हैं या फिर इसके गोल इंस्टीट्यूट के ब्रांच- (बुद्धा कॉलोनी, तिलक रोड कंकड़बाग और गोला रोड) से प्राप्त करते हैं।
टॉपर्स करते हैं छात्रों का मर्गदर्शन
गोल इंस्टीट्यूट की सफलता का दर उच्च रहने का सबसे बड़ा कारण है, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और श्रेष्ठ मार्गदर्शन। यहां एक्सपर्ट टीचरों की एक बड़ी टीम छात्रों की तैयारी कराती है। इसमें ढेर सारे टीचर पहले खुद टॉपर्स रह चुके हैं। दूसरी तरफ एम्स दिल्ली, आईआईटी खडगपुर,दिल्ली, रूड़की, कानपुर जैसे संस्थानों में पढ़ रहे टॉपर्स आगे बढ़कर छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं। इसमें कई टॉपर्स ऐसे हैं जो ऑल इंडिया में रैंक एक से 50 तक के बीच रहे हैं। कई नीट में 720 में 720 मार्क्स स्कोर किए हैं। इनके मार्गदर्शन में तैयारी कर रहे छात्रों की राह आसान हो जाती है। दूसरी तरफ स्पेशल डेस्ट द्वारा तैयार बेस्ट स्टडी मैटेरियल, नियमित टेस्ट-एनालिसिस, पर्सनल काउंसलिंग आदि के कारण यहां नामांकित छात्र तेजी से प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार हो जाते हैं। ऑनलाइन टेस्ट सीरीज, डाउटक्लिरिंग मेथड्स, आदि से छात्र हर दिन निखरते हैं। एक्सपर्ट टीचर और पूर्ववर्ती टॉपर्स यहां के छात्रों की सफलता की राह आसान बना रहे हैं। यही कारण है कि आज यह संस्थान पूर्वी भारत के टॉप संस्थानों में से एक बन चुका है। यह छात्रों की पहली पसंद बन चुका है।
टॉपर्स बाइट...
1. मेरा नीट क्वालिफाई करने का सपना टूटने लगा था। लेकिन ‘गोल एजुकेशन विलेज’ में आने के बाद ऐसा गाइडेंस मिला कि मैं आत्मविश्वास से भर गया। मेरा सेलेक्शन एम्स दिल्ली के लिए हो गया।
-सिदरत बिलाल फरीदी
एम्स, दिल्ली
2. एम्स, दिल्ली के लिए मेरा चयन होने में 'गोल' का बहुत बड़ा योगदान है। 'गोल' के मार्गदर्शन सत्र और मॉक टेस्ट से मुझे बहुत अधिक फायदा मिला। इससे मुझे प्रश्नों को हल करने की स्पीड बढ गयी और गलतियां कम हुईं।
-विक्रम कुमार
एम्स, दिल्ली
3.
आज मैं जिस जगह पर हूं, मुझे वहां पहुंचाने का क्रेडिट गोल को जाता है। नीट की तैयारी में मुझे 'गोल' के मार्गदर्शन से बहुत फायदा मिला। यहां की पढ़ाई और प्रैक्टिस ने मेरे आत्मविश्वास को मजबूत बनाया।
-सनी कुमार साह
एम्स, दिल्ली
4.
12 वीं बोर्ड की परीक्षा के बाद मैंने 'गोल' के 1 वर्ष वाले कोर्स में एडमिशन लिया था। 'गोल' के छात्रावास रहते हुए मैंने नीट की तैयारी की। संस्थान और छात्रावास के बेहतर प्रतिस्पर्धी माहौल से मुझे बहुत अधिक फायदा मिला।
-केशव
एम्स, दिल्ली
5.
भगवान के आशीर्वाद और 'गोल' के मार्गदर्शन ने मेरे सपनों को सच कर दिया। इस संस्थान की पढ़ाई, मॉक टेस्ट, अध्ययन सामग्री और इसके व्यक्तिगत देखभाल ने मेरी सफलता में अहम भूमिका निभाई।
-अलका सिंह
आईआईटी-खड़गपुर
कोटेशन
1.
बाजारवाद के दौर में सफलता का मतलब
नेपोलियन बोनापार्ट ने एक जगह लिखा है कि जो लोग सपने देखने की हिम्मत रखते हैं, वे पूरी दुनिया को जीत सकते हैं। सचमुच जीवन में सपनों का होना बहुत जरूरी है। छात्र जीवन तो बगैर सपनों के जिया ही नहीं जा सकता, क्योंकि सपनों को आकार देने का यह सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इस दौर में अगर आप अपने सपनों के साथ आगे नहीं बढ़ते हैं तो शायद ही जीवन में सफल हो पाएं।
यह भी सच है कि हर साल लाखों छात्र डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं। नीट और जेईई जैसी कठिन परीक्षाओं से गुजरते हैं। लेकिन सफलता कुछ गिने-चुने छात्रों को ही मिलती है। आखिर ऐसा क्यों? इसका सबसे बड़ा कारण है, सही मार्गदर्शन और सही रणनीति का न होना। प्रतिभा होने और कड़ी मेहनत के बावजूद सफल न होने का यह बड़ा कारण बन जाता है। यही कारण है कि शुरू से अभिभावक और छात्र, एक बेहतर मार्गदर्शक व कोचिंग संस्थान की तलाश में रहते हैं।
गोल इंस्टीट्यूट इसी तलाश को पूरा करता है। गोल इंस्टीट्यूट सिर्फ परीक्षा की तैयारी नहीं करवाता है, बल्कि छात्रों को उनके सपनों के करीब ले जाता है। एक्सपर्ट टीचरों की टीम दिन-रात मेहनत करती है। सही रणनीति के साथ तैयारी कराती है और तब तक नहीं रूकती जब तक छात्र सफल नहीं हो जाते। इसका अंदाजा इससे लगा लेना चाहिए कि अब तक गोल इंस्टीट्यूट से पढ़े 17 हजार से अधिक छात्र डॉक्टर बन चुके हैं। पीएमसीएच, रिम्स से लेकर एम्स दिल्ली और मुंबई के बड़े अस्पतालों में कार्य कर रहे हैं। गोल इंस्टीट्यूट की यात्रा 27 साल से जारी है। बिहार-झारखंड में तो नीट की सफलता का पयार्य बन चुका है गोल इंस्टीट्यूट। सच कहिए तो डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना केवल कॅरियर ऑप्शन नहीं होता है, बल्कि एक बेहतर समाज निर्माण का संकल्प भी होता है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए गोल की पूरी टीम दिन-रात मेहनत कर रही है। स्टेट टॉपर से लेकर नेशनल टॉपर तक गोल के छात्र बन रहे हैं। छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों के भरोसे का भी प्रतीक बन चुका है गोल इंस्टीट्यूट। और ऐसा इसलिए हुआ है कि पिछले तीन दशक से यहां छात्र लगातार सफलता का परचम लहरा रहे हैं। आखिर में जे.एम. पावर की इन पंक्तियों के साथ अपनी बातें खत्म करना चाहूंगा कि 'यदि आप अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं तो जागना शुरू कर दें।' क्योंकि, इस बाजारवाद के दौर में सही मार्गदर्शन और सही रणनीति की जरूरत है, तभी सफलता आपका कदम चूमेगी।
बिपिन सिंह
संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक, गोल इंस्टीट्यूट
2.
नीट में सफलता का पयार्य बन गया है गोल इंस्टीट्यूट
बाजारवाद के इस दौर में कोचिंग संस्थानों की भरमार है। लेकिन इस भीड़ में गोल इंस्टीट्यूट अलग पहचान के साथ खड़ा है। हर साल यहां के सैकड़ों छात्र नीट और आईआईटी जेईई की परीक्षा में सफल हो रहे हैं। स्टेट टॉपर बनने के साथ-साथ नेशनल रैंकिंग में टॉप स्कोर कर रहे हैं और यह सब गोल इंस्टीट्यूट के सही मार्गदर्शन, शानदार रणनीति और छात्रों की कड़ी मेहनत से संभव हो रहा है। छात्र यहां सपने लेकर आते हैं और हाथों में रिजल्ट लेकर जीवन की दौड़ में आगे बढ़ते हैं।
डॉ. ममता सिंह
एमबीबीएस, एमडी ज्वाइंट डायरेक्टर, गोल इंस्टीट्यूट
3.
एक्सपर्ट का सही मार्गदर्शन छात्रों के लिए वरदान
जीवन में सफल वहीं होते हैं, जो हार नहीं मानते। सफलता उन्हें मिलती है, जो सही मार्गदर्शन और यूनिक रणनीति के साथ आगे बढ़ते हैं। नीट की परीक्षा कठिन जरूर है, लेकिन आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन के दम पर हर साल हजारों छात्र सफल हो रहे हैं। गोल इंस्टीट्यूट न सिर्फ मजबूत एकेडमिक बेस देता है, बल्कि सही रणनीति बनाकर सफलता दिलाने में भी मदद करता है। एक्सपर्ट टीम छात्रों के साथ-साथ खुद दिन-रात मेहनत कर रही है, ताकि अधिक से अधिक छात्र सफल हों।
रंजय सिंह
असिस्टेंट डायरेक्टर, गोल इंस्टीट्यूट
( अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति/ संस्थान की है)
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।