Hindi Newsओपिनियन विदेशी मीडियाHindustan Foreign Media Column 25 February 2022

कूटनीति को मौका दीजिए

यूक्रेन का संकट बहुत तेजी से गहराता जा रहा है, क्योंकि रूस द्वारा यूक्रेन के दो अलगावग्रस्त इलाकों को स्वतंत्र मान्यता दिए जाने के हैरतनाक कदम पर अपनी प्रतिक्रिया के लिए पश्चिमी देश भी आपस में तालमेल...

Neelesh Singh  द गल्फ न्यूज, यूएई, Thu, 24 Feb 2022 09:19 PM
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कूटनीति को मौका दीजिए

यूक्रेन का संकट बहुत तेजी से गहराता जा रहा है, क्योंकि रूस द्वारा यूक्रेन के दो अलगावग्रस्त इलाकों को स्वतंत्र मान्यता दिए जाने के हैरतनाक कदम पर अपनी प्रतिक्रिया के लिए पश्चिमी देश भी आपस में तालमेल बिठाने लगे हैं। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा लुहांस्क और दोनेत्स्क को स्वतंत्र रूप से मान्यता देने के बाद संसद ने भी उनके इस फैसले का फौरन अनुमोदन कर दिया और रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन दोनों इलाकों में अपने सैनिकों को बतौर शांति सेना भेजने की भी घोषणा कर डाली। इन तमाम कदमों ने पहले से तनावपूर्ण स्थिति को और अधिक उलझा दिया। जाहिर है, यह स्थिति यूरोप को एक व्यापक युद्ध की धमकी देती है। अमेरिका और इसके सहयोगियों ने इन नए कदमों की तीखी निंदा की है और रूस पर अधिक कठोर प्रतिबंधों का एलान किया है। पश्चिम की यह प्रतिक्रिया संकट को और गंभीर ही बनाएगी। हालांकि, मॉस्को जानता है कि उन दोनों क्षेत्रों को मान्यता देने के उसके कदम का किसी अन्य देश द्वारा समर्थन किए जाने की संभावना नहीं है, और संयुक्त राष्ट्र पहले ही इसका विरोध कर चुका है। इस प्रकार, यह उसकी एक राजनीतिक पैंतरेबाजी है, जिसका मकसद अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन को रूस की सुरक्षा मांगों पर गौर करने के लिए मजबूर करना है, जो इस पूरे विवाद का मुख्य कारण है।
रूस मानता है कि यूके्रन के दो बड़े इलाकों के अलग होने से पूर्वी यूरोप में एक स्थायी राजनीतिक व्यवस्था की कोई भी संभावना खत्म हो जाएगी। वह अपनी सीमा के करीब नाटो के विस्तार का शुरू से विरोध करता रहा है। रूसी कदम भले ही बुरा दिखता है, लेकिन यही मौजूदा हालात को राजनीतिक समाधान की ओर ले जा सकता है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति भवन के सूत्रों के हवाले से मंगलवार को स्थानीय मीडिया में यह कहा गया कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश अंतत: मॉस्को की सुरक्षा मांगों पर विचार करने के लिए सहमत हो सकते हैं। यह पश्चिम का एक अच्छा कदम होगा और अगर ऐसा होता है, तो इस संकट के हल का द्वार भी खुल जाएगा।
 

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