Hindi Newsओपिनियन विदेशी मीडियाHindustan Foreign Media Column 24 February 2022

मातृभाषाएं

इस तथ्य से बहुत कम लोग वाकिफ होंगे कि 21 फरवरी को मनाया जाने वाला ‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ पाकिस्तानी इतिहास के सबसे स्याह दिनों में से एक से प्रेरित है। सन् 1952 में इसी दिन ढाका...

Neelesh Singh  द न्यूज, पाकिस्तान , Wed, 23 Feb 2022 09:38 PM
share Share
Follow Us on
मातृभाषाएं

इस तथ्य से बहुत कम लोग वाकिफ होंगे कि 21 फरवरी को मनाया जाने वाला ‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ पाकिस्तानी इतिहास के सबसे स्याह दिनों में से एक से प्रेरित है। सन् 1952 में इसी दिन ढाका में बांग्ला भाषा को मान्यता दिलाने के लिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने गोलियों से भून डाला था। मादरे-जुबान की खातिर उनकी शहादत के सम्मान में यूनेस्को ने साल 1999 में इस दिन को भाषाई विविधता के प्रति जागरूकता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। उस सबक का इस्तेमाल हम आज भी कर सकते हैं, क्योंकि प्रांतीय और क्षेत्रीय भाषाएं अब भी खतरे में हैं। दुनिया भर में छह हजार से भी अधिक भाषाएं बोली जाती हैं। इनमें से आधी अपने अस्तित्व के संकट से गुजर रही हैं, क्योंकि किसी न किसी बड़ी भाषा द्वारा निगल लिए जाने की चुनौती उनके सामने आ खड़ी हुई है। यूनेस्को के मुताबिक, बहुत सारी भाषाएं इस सदी के अंत तक अपना वजूद खो देंगी। इन भाषाओं को जिंदा रखने का एक ही तरीका है कि इन पर निजी व पेशेवर रूप से भरपूर ध्यान दिया जाए। लोगों और सरकारों को यह समझना पड़ेगा कि भाषाओं को जीवित रखने के लिए विवेकपूर्ण व सिलसिलेवार प्रयास की जरूरत है। भाषा-विज्ञानियों का दावा है कि दुनिया भर की 40 प्रतिशत से अधिक भाषाएं अंतिम सांसें गिन रही हैं। चूंकि 21वीं सदी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का तेजी से विकास हो रहा है, ऐसे में कुछ सौ भाषाएं ही अपनी मौजूदगी दर्ज करा पा रही हैं। बल्कि तेजी से डिजिटल होती दुनिया को देखें, तो स्थिति कहीं ज्यादा निराश करने वाली दिखती है, जहां बमुश्किल सौ-दो सौ भाषाओं का इस्तेमाल हो रहा है। ज्यादातर मनोविज्ञानी और बाल विकास विशेषज्ञ यही मानते हैं कि बच्चों के सीखने की काबिलियत मादरे-जुबान में तेजी से निखरती है। पाकिस्तान में लगभग 80 भाषाएं बोली जाती हैं, मगर बमुश्किल दर्जन भर भाषाओं के अगले 100 साल तक बचे रहने की उम्मीद है। केंद्रीय व सूबाई सरकारों को मुल्क की सभी भाषाओं को बचाने की कोशिश करनी चाहिए और इस काम के लिए पर्याप्त संसाधन मुहैया कराने चाहिए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें