यूक्रेन और  प्रताड़ित लोकतंत्र

कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों की निगाह में यूक्रेन पर रूसी हमला अधिनायकवादी शासकों द्वारा पड़ोसी लोकतंत्रों के खिलाफ आक्रामकता के एक नए युग का प्रतीक है। गौर करने वाली बात यह है कि ये लोकतंत्र कैसे इसका...

Neelesh Singh द क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर, अमेरिका , Mon, 14 March 2022 09:18 PM
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यूक्रेन और  प्रताड़ित लोकतंत्र

कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों की निगाह में यूक्रेन पर रूसी हमला अधिनायकवादी शासकों द्वारा पड़ोसी लोकतंत्रों के खिलाफ आक्रामकता के एक नए युग का प्रतीक है। गौर करने वाली बात यह है कि ये लोकतंत्र कैसे इसका मुकाबला कर रहे हैं। यूक्रेनवासियों के दिलेरी भरे प्रतिरोध को देखिए। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया विभाग की निदेशक एरविल हैन्स ने पिछले सप्ताह कांग्रेस को बताया कि यूक्रेन के लोग अपने लोकतंत्र की जिस प्रेरणास्पद तरीके से हिफाजत कर रहे हैं, वे ‘दूसरे जन-समूहों को ऐसे तानाशाही भरे प्रयासों से मुखर असहमति की ताकत दे सकते हैं।’ तीन लोकतंत्र- दक्षिण कोरिया, ताइवान और इराक- लंबे समय से अपने पड़ोसियों की धमकियां झेलते रहे हैं। ऐसे में, इन देशों के लोगों ने रूसी हमले को काफी करीब से देखा है कि कैसे नागरिक मूल्यों पर आधारित एक साझा पहचान ने यूक्रेनी लोगों को एकजुट कर दिया। अमेरिका और यूरोप द्वारा यूक्रेन को दिए जा रहे समर्थन पर भी इन देशों के लोगों की पैनी नजर है। सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स के मुताबिक, पश्चिमी समर्थन ‘एक ऐसे समय में इन लोकतंत्रों को लचीलापन अपनाने में मदद करता है, जब उनके बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे इतने मजबूत नहीं हैं।’
पिछले तीन दशक से भी अधिक वक्त से लोकतंत्र का आनंद उठा रहे दक्षिण कोरिया में उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बीच 9 मार्च को राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हुआ। चुनाव अभियान के दौरान उम्मीदवार यून सुक-योल ने रूस के खिलाफ यूक्रेन की ताकत का हवाला देते हुए दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया के साथ ऐसा ही करने की जरूरत बताई। यून चुनाव जीत गए। इराक में पिछले अक्तूबर में हुए चुनाव में तीन ऐसी पार्टियों के गठबंधन को जीत मिली, जो अपने मुल्क में ईरानी भूमिका के खिलाफ हैं। दरअसल, ईरान हिंसक इराकी गुटों की मदद करता रहा है। ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने भी कहा है, ‘यूक्रेनियों की प्रतिबद्धता ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है, ताइवानी भी वैसा ही महसूस कर रहे हैं।’ साफ है, यूक्रेन के लोग जिस तरह से अपने लोकतंत्र का बचाव कर रहे हैं, उनके इस उदाहरण से अन्य लोकतंत्रों को अपनी व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी।

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