रेलवे की बुराइयों को जल्द दूर किया जाए
- सभापति महोदय, भारतीय रेल संशोधन विधेयक 1982 का मैं भी समर्थन करता हूं। यह ऐसा विधेयक है, जिसका विरोध नहीं हो सकता, लेकिन मैं इस विचार का हूं कि सिर्फ इस विधेयक के जरिये सरकार रेलवे में व्याप्त कई प्रकार की व्याधियों को रोक नहीं सकेगी।
सभापति महोदय, भारतीय रेल संशोधन विधेयक 1982 का मैं भी समर्थन करता हूं। यह ऐसा विधेयक है, जिसका विरोध नहीं हो सकता, लेकिन मैं इस विचार का हूं कि सिर्फ इस विधेयक के जरिये सरकार रेलवे में व्याप्त कई प्रकार की व्याधियों को रोक नहीं सकेगी। उन तमाम व्याधियों, गड़बड़ियों और घोटालों को रोकने के लिए यह जरूरी है कि एक व्यापक विधेयक यथाशीघ्र इस सदन में पेश किया जाए। इस संबंध में मैं दो-तीन बातों की ओर मंत्री महोदय का ध्यान खींचना चाहूंगा।
अभी बताया गया है कि सीट आरक्षण को लेकर घोटाला चलता है, किस तरीके से उंगलियों पर गिने जाने लायक कुछ लोग टिकटों को खरीद लेते हैं और दूसरों के हाथ में ज्यादा पैसा लेकर बेच देते हैं। यह भी शिकायतें अखबारों में निकलती रहती हैं कि यात्रियों के जाने के बाद एकत्र की हुई पुरानी टिकटों का भी इस्तेमाल पैसा लेकर किया जाता है। यह शिकायत भी सुनने को मिलती है कि जाली टिकटें भी छापी जाती हैं और बड़े पैमाने पर उनका भी व्यापार होता है।
केवल यह कह देने से काम नहीं चलेगा कि छोटे-छोटे रेलवे कर्मचारी ही इस तरह के घोटालों से संबंधित होते हैं। इनके पीछे बड़े मगरमच्छों का हाथ होता है, बड़े रेल अधिकारियों का हाथ होता है। उनकी मदद और आशीर्वाद के बगैर साधारण कर्मचारी यह हिम्मत नहीं कर सकता। बहरहाल इस तरह के कुकर्म अधिकारी करें या रेलवे कर्मचारी करें, वे निंदनीय और दंडनीय हैं, उनका कोई भी समर्थन नहीं कर सकता। ... आमतौर पर ईमानदारी से बिना ज्यादा पैसा दिए हुए रेल में रिजर्वेशन जल्दी मिलता ही नहीं है, इस बात को आप अच्छी तरह जानते हैं। ...
आपको गाड़ियों की संख्या भी बढ़ानी पड़ेगी। पता नहीं आपकी नीति अभी क्या है? ...जहां तक विलंब से गाड़ियां चलने की बात है, सेठी जी ने दावा किया है कि स्थिति में सुधार आया है, लेकिन मैं समझता हूं, आपका यह दावा निराधार है। मैं अभी की ही घटना बता रहा हूं। मैं कल तिनसुकिया मेल में सवार हुआ था। दिन में दो बजकर 16 मिनट पर पटना जंक्शन से गाड़ी रवाना होनी थी, लेकिन गाड़ी रात पौने नौ बजे आई। डेढ़ बजे से पौने नौ बजे तक सैकड़ों यात्री प्लेटफॉर्म पर बैठकर तपस्या करते रहे। मैंने तीन-तीन कंट्रोल से बात की- झाझा कंट्रोल से, मोकामा कंट्रोल से और दानापुर कंट्रोल से, लेकिन तीनों कंट्रोल तीन तरह की बातें बताते थे। इन कंट्रोल वालों को भी आपको कसना होगा। आज ये कंट्रोल वाले किसी के कंट्रोल में नहीं हैं। ...सेठी साहब जब आप आए थे, तब हमने यह समझा था कि स्थिति में कुछ सुधार आएगा, लेकिन अभी तक लब्बो-लुआब यही है कि किसी भी क्षेत्र में कोई सुधार नहीं हो रहा है। चोरी और बढ़ती जा रही है। आप ने सुना ही होगा कि हमारे सूबे में अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का घोटाला बहुत बड़ा है। आज वित्त विधेयक पर बोलते समय भी इस सिलसिले में हंगामा हो गया। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, लेकिन वहां अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के जो चेयरमैन थे, इस समय चेयरमैन नहीं है, पटना के जिला बोर्ड के अध्यक्ष हैं, मैं भी उस बोर्ड का मेंबर हूं, उन्होंने पटना रेलवे जंक्शन को बंधक रख दिया था, मार्टगेज कर दिया। इस सूचना को न आपने खारिज किया और न समर्थन किया है। ...अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। ...आप उन तमाम रेल मजदूरों का सहयोग लीजिए। इससे यह जो रिजर्वेशन का रैकेट है या जो चोरियां होती हैं, वे रुकेंगी और समय पर गाड़ियां चलेंगी...। एक निवेदन और करना है और वह यह है कि आप केवल नौकरशाही पर निर्भर मत रहिए सेठी जी। ...ये जो तमाम बुराइयां रेलवे में हैं, इनकी तरफ आपको ध्यान देना चाहिए।...आशा है, निकट भविष्य में आप रेल सुधार के लिए एक व्यापक विधेयक पेश करेंगे।
(लोकसभा में दिए गए उद्बोधन के अंश)
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