विराट लोकप्रियता
- भारतीय क्रिकेटरों की लोकप्रियता का जो नजारा गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के अरुण जेटली स्टेडियम में देखने को मिला, वह विरल और विचारणीय है। भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली को खेलते हुए देखने के लिए हजारों दर्शक उमड़ पडे़…
भारतीय क्रिकेटरों की लोकप्रियता का जो नजारा गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के अरुण जेटली स्टेडियम में देखने को मिला, वह विरल और विचारणीय है। भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली को खेलते हुए देखने के लिए हजारों दर्शक उमड़ पडे़। मैच अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं था। दिल्ली और रेलवे के बीच रणजी ट्रॉफी का सामान्य मुकाबला था। ऐसे मैच को देखने बमुश्किल दस हजार लोग जुट पाते हैं, पर चूंकि इस मैच में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली खेलने वाले थे, इसलिए दर्शकों का हुजूम उमड़ पड़ा। अनुमान था कि दस हजार लोग देखने आएंगे, तो उसी हिसाब से स्टेडियम को खोला गया था, पर भीड़ बढ़ती गई, स्टेडियम के स्टैंड बारी-बारी से खुलते गए। आयोजकों ने जरूरी चतुराई का परिचय दिया। शुरू में दर्शकों को जब लगा कि वे विराट कोहली को नहीं देख पाएंगे, तब उन्होंने अपनी मांग के साथ शोर मचाया और कामयाब हुए। ऐसे फैसलों के लिए आयोजकों को आगे भी तैयार रहना चाहिए।
दरअसल, विराट कोहली ने प्रथम श्रेणी के ऐसे क्रिकेट मैच में खेलना लगभग बंद कर दिया था। वह केवल अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों या आईपीएल में खेलने उतरते थे। चूंकि अंतरराष्ट्रीय मैचों में स्टेडियम के अंदर पहुंचना आसान या किफायती नहीं होता है, अत: बड़ी संख्या में दर्शकों के मन में अपने प्रिय खिलाड़ी को देखने की ललक रह जाती है। पहले के दौर में बड़े खिलाड़ी भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने उतरते थे और दर्शकों को दीदार का मौका मिल जाता था। नए दौर में खिलाड़ियों ने फटाफट क्रिकेट पर ही अपना ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रखा है। ऐसे में, उन्हें आंखों के सामने देखने की इच्छा रखने वाले आम दर्शकों की चाहत को समझा जा सकता है। अरुण जेटली स्टेडियम में उमड़ी दर्शकों की भीड़ को देख या जानकर विराट कोहली भी इस बात को महसूस कर रहे होंगे कि पिछले लगभग 12 साल तक उन्होंने अपनी लोकप्रियता के किस पक्ष को उपेक्षित छोड़ दिया था। दर्शक ही किसी भी खेल या खिलाड़ी को फर्श से अर्श पर पहुंचाता है। अगर देखने वाले ही न हों, तो खेल ही ठप्प हो जाए। विराट कोहली को देखने उमड़ी भीड़ वास्तव में पुराने और नए, दोनों तरह के खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने दिग्गज खिलाड़ियों को रणजी खेलने के लिए पाबंद करते हुए एक अच्छा फैसला लिया है। जाहिर है, दिग्गज खिलाड़ियों के प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने से निचले स्तर पर क्रिकेट की गुणवत्ता और व्यवसाय में भी सुधार आएगा।
क्रिकेट ने इस देश को एक से बढ़कर एक अद्भुत नजारे दिखाए हैं। दिल्ली में जब दर्शक स्टेडियम के बाहर शोर मचा रहे थे, तब प्रधानमंत्री का काफिला गुजर रहा था। पुलिस ने भी आयोजकों को कहा कि दर्शकों को स्टेडियम के अंदर लिया जाए। स्टेडियम में दर्शकों के आते ही माहौल बन गया और ‘कोहली, कोहली’ की गगनभेदी गूंज दूर-दूर तक पहुंचने लगी। ऐसे नजारे रणजी या दिलीप ट्रॉफी में दुर्लभ हैं। इससे प्रथम श्रेणी क्रिकेट का महत्व भी बढ़ जाएगा। टेस्ट मैच में विशेष रूप से हमारी टीम का प्रदर्शन निराशाजनक हो गया है। न्यूजीलैंड और ऑस्टे्रलिया के हाथों बुरी हार दर्शकों को बेचैन कर रही है। भारतीय क्रिकेटप्रेमी यही चाहते हैं कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों को नई ऊर्जा और प्रेरणा मिले, ताकि उनके बल्ले पहले की तरह खूब बोलने लगें।
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