विकास का बजट
- देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में पेश बजट 2025-26 विशेष रूप से उल्लेखनीय और उत्साहजनक है। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को विधानसभा में राज्य का बजट पेश किया…
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देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में पेश बजट 2025-26 विशेष रूप से उल्लेखनीय और उत्साहजनक है। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को विधानसभा में राज्य का बजट पेश किया, जिसमें प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का स्पष्ट लक्ष्य रखा गया है। कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार का यह नौवां बजट खास तवज्जो की मांग करता है। देश के इस महत्वपूर्ण राज्य को चौतरफा विकास की जरूरत है और उसके बजट में उचित ही दस जरूरी क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है। कृषि और संवर्ग सेवाएं, बुनियादी ढांचा, उद्योग, आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, पर्यटन, शहरी विकास, वित्तीय सेवाएं, ऊर्जा और पूंजी निवेश पर ध्यान केंद्रित किया गया है। वाकई ये दस ऐसे क्षेत्र हैं, जहां ईमानदार पहल से इस प्रदेश का कायाकल्प हो सकता है। यह देखना सुखद है कि उत्तर प्रदेश के बजट में एक साल में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। राज्य का बजट 8,08,736 करोड़ रुपये का हो गया है। ध्यान रहे कि बजट आकार के मामले में उत्तर प्रदेश देश में अव्वल है। इस मोर्चे पर महाराष्ट्र भी उत्तर प्रदेश से पीछे है।
बजट के आंकडे़ और उत्तर प्रदेश का विकास आशा जगाता है। बजट में अयोध्या को सोलर सिटी बनाने संबंधी पहल को भी आगे बढ़ाया गया है। सोलर नीति के तहत अयोध्या में 3,000 से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है, अगर यह काम पूरी कारगरता से हो पाता है, तो देश के सामने अयोध्या एक आदर्श नगरी बन जाएगी। ध्यान देने की बात है कि उत्तर प्रदेश को अभी भी एक्सप्रेसवे का राज्य माना जाता है और इस बजट में चार नए एक्सप्रेसवे के निर्माण की घोषणा स्वागतयोग्य है। उत्तर प्रदेश में हर स्तर पर सड़क विकास की बहुत जरूरत है। मुख्यमंत्री हरित सड़क योजना के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे और राज्य में उन तमाम सड़कों को चाक-चौबंद करने की जरूरत है, जहां भी खराबी या कमी देखी जा रही है। प्रदेश को अगर एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है, तो इसमें अच्छी सड़कों की बड़ी भूमिका होगी। स्वच्छ हवा के लिए प्रयास, बेहतर आवागमन के लिए पहल, यातायात को दुरुस्त करना, सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाना, सुरक्षित सड़कें, मजबूत पुलिस व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा पर बजट में यथोचित जोर दिया गया है। आर्थिक विकास के लिए महिला श्रम शक्ति का पूरा योगदान लेना आवश्यक है।
पिछले एक दशक में उत्तर प्रदेश की छवि बहुत बदली है और रोजगार देने के मामले में भी यह राज्य आगे आ रहा है। इसको मैन्युफेक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार को अपने प्रयास और तेज करने चाहिए। सरकार ने जहां आठ डाटा पार्क स्थापित करने का फैसला लिया है, वहीं लखनऊ में एआई सिटी के विकास के लिए पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं। शिक्षा, किसान, मनरेगा जैसे क्षेत्रों में भी प्रदेश सरकार की कोशिशें सराहनीय हैं। हर बजट में कुछ उम्मीदें रह जाती हैं, पर तेज तरक्की करते राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश के निर्माण में और गति लाने की कोशिश बजट में दिखती है। राज्य में कुछ मुफ्त योजनाएं भी घोषित हुई हैं, तो अचरज नहीं। मुफ्त योजनाओं के मामले में आगे रहना जरूरी नहीं और बजट का उपयोग बुनियादी मजबूती के लिए ज्यादा होना चाहिए।
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