इमरान को सजा
- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 14 साल जेल की सजा सनसनीखेज और अफसोसजनक है। वैसे इमरान को मिली सजा कतई चौंकाती नहीं है, क्योंकि अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों के प्रति द्वेष का भाव पाकिस्तान में नई बात नहीं है…
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 14 साल जेल की सजा सनसनीखेज और अफसोसजनक है। वैसे इमरान को मिली सजा कतई चौंकाती नहीं है, क्योंकि अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों के प्रति द्वेष का भाव पाकिस्तान में नई बात नहीं है। वहां पहले एक प्रधानमंत्री को फांसी तक की सजा हो चुकी है, अत: इमरान खान के इस हश्र पर सिर्फ अफसोस जाहिर किया जा सकता है। वास्तव में, पाकिस्तानी नेताओं ने जो बोया है, वही उन्हें काटना पड़ रहा है। जो लोग आज पाकिस्तान की सत्ता में हैं, उन्हें भी अपने भविष्य को लेकर बहुत आश्वस्त नहीं रहना चाहिए। यह किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए एक दुखद परिपाटी है कि पूर्व में देश की कमान संभालने वाले आला नेताओं के साथ भी अन्याय होते लगता है। इसके पहले पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भी देश से भागना पड़ा था और नवाज शरीफ को लंबे समय तक विदेश में रहना पड़ा था। क्या यह इमरान खान की कमी या गलती थी कि उन्होंने देश में ही रहकर न्याय के लिए लड़ने का फैसला किया? अब इमरान खान के पास क्या विकल्प है? क्या ऊंची अदालतों से वह न्याय की उम्मीद कर सकते हैं?
खबरों के अनुसार, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री को अल-कादिर ट्रस्ट से संबंधित भूमि भ्रष्टाचार के मामले में एक स्थानीय अदालत ने 14 साल जेल की सजा सुनाई है। उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी सात साल जेल की सजा हुई है। इमरान करीब डेढ़ वर्ष से रावलपिंडी के गैरीसन शहर की एक जेल में बंद हैं और जेल में ही उनके मामले की सुनवाई चल रही थी। जेल में सुनवाई से भी शंकाएं बढ़ती हैं। जेल में सुनवाई का एक बड़ा कारण यह था कि जेल के बाहर इमरान खान के समर्थकों की तादाद कम नहीं थी। ऊंची अदालत में इमरान खान के वकीलों को अपील करनी चाहिए। इमरान अगर निर्दोष हैं, तो उनके वकीलों को पुख्ता प्रमाणों के साथ अपील करनी चाहिए। वैसे, इमरान अगर दोषी हैं, तो यह पाकिस्तान के लिए बहुत शर्मनाक है। प्रधानमंत्री के रूप में भ्रष्टाचार या उसके आरोप पाकिस्तान में नए नहीं हैं। अगर इमरान सही सुनवाई के बाद दोषी करार दिए गए हैं, तो फिर पाकिस्तान ने इमरान खान के रूप में अपनी एक उम्मीद को गंवा दिया है। अब यदि उनके समर्थकों का बहुमत होगा, तो फिर उनके पास चुनाव में जीत ही एकमात्र विकल्प है। अगर इमरान की पार्टी चुनाव में जीत जाए, तो ही वह जेल से बाहर आने के बारे में सोच पाएंगे।
वैसे, इमरान खान को कोई पहली बार सजा नहीं सुनाई गई है। पहले भी उन्हें एकाधिक मामलों में सात साल से 14 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार, आधिकारिक रहस्य उजागर करने और विवाह कानूनों के उल्लंघन का भी मामला है। एक समय इमरान अपने देश के सफलतम आदर्श युवा थे। उनके नेतृत्व में ही पाकिस्तान ने एकदिवसीय विश्व कप क्रिकेट के फाइनल में एकमात्र जीत हासिल की थी। एक समय पाकिस्तान इमरान खान का दीवाना था। कहां गई वह दीवानगी? सवाल अभी बरकरार है, इमरान खान ने भ्रष्टाचार करके सब कुछ गंवा दिया है या फिर वह साजिशों के शिकार हुए हैं? वहां की सामंती संस्कृति में जो चरित्रगत कमजोरियां और दुश्मनी निभाने की जो कट्टर परिपाटी पल रही है, उसने पाकिस्तान की राजनीति ही नहीं, पाकिस्तान की समग्र व्यवस्था पर लगे सवालों का भी विस्तार किया है।
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