Hindi Newsओपिनियन कॉलमhindustan opinion column 19 oct 2024

बड़े सुधार के लिए हम उठा रहे ठोस कदम

  • वाद-विवाद में भाग लेने वाले माननीय सदस्यों का मैं धन्यवाद करता हूं। मेरा विचार है कि जहां तक इस विधेयक का संबंध है, प्रत्येक सदस्य ने विधेयक प्रस्तुत करने की भावना का समर्थन किया है। ...यह मांग तथा आपूर्ति का प्रश्न है तथा अधिक सीटें उपलब्ध कराए जाने तक इस बुराई को दूर नहीं किया जा सकता…

Hindustan लाइव हिन्दुस्तानFri, 18 Oct 2024 10:24 PM
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बड़े सुधार के लिए हम उठा रहे ठोस कदम

वाद-विवाद में भाग लेने वाले माननीय सदस्यों का मैं धन्यवाद करता हूं। मेरा विचार है कि जहां तक इस विधेयक का संबंध है, प्रत्येक सदस्य ने विधेयक प्रस्तुत करने की भावना का समर्थन किया है।

...यह मांग तथा आपूर्ति का प्रश्न है तथा अधिक सीटें उपलब्ध कराए जाने तक इस बुराई को दूर नहीं किया जा सकता। यह सही है कि पिछले कुछ वर्षों में यात्री संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई तथा आज लगभग एक करोड़ व्यक्ति प्रतिदिन रेल यात्रा करते हैं। इस तथ्य के बावजूद कि रेलवे अनेक गाड़ियां चला रहा है तथा इसकी रेल पटरियों की क्षमता का सर्वाधिक उपयोग किया जा रहा है। हम इस परीक्षण को अन्य गाड़ियों पर भी करेंगे। इस प्रकार हम इन गाड़ियों में छह-सात सवारी डिब्बों की वृद्धि कर सकते हैं। इसके लिए कुछ प्रमुख स्टेशनों के प्लेटफॉर्मों की लंबाई बढ़ानी पड़ सकती है तथा इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है।

...कई बार मैंने देखा है कि जगह होने पर भी लोग छतों पर यात्रा करते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए हमने निर्णय किया है। सवारी डिब्बों की प्राप्ति के बाद, जिसका हम प्रयास कर रहे हैं, हम प्रत्येक गाड़ी में एक अतिरिक्त अनारक्षित डिब्बा लगाएंगे, ताकि अंतिम समय में यात्रा करने वाले यात्रियों को जगह मिल सके। ...यह बात भी कही गई है कि अधिकारियों की मिलीभगत होने पर स्थिति में सुधार संभव नहीं है। ...मैं कहना चाहता हूं - राज्यसभा में इस विधेयक को प्रस्तुत किए जाने के समय रेलवे प्रशासन में कार्य करने वाले अधिकारियों द्वारा मिलीभगत के संबंध में विशिष्ट प्रावधान किया गया है। उन्हें अब तीन वर्ष की कठोर कारावास व 1,000 रुपये जुर्माने की सजा दी जाएगी।...

हमने एक अभियान चलाया था और यह अभियान विशेष रूप से बंबई, कलकत्ता, मद्रास और दिल्ली इत्यादि प्रमुख स्टेशनों पर प्रारंभ किया गया था। इन अभियानों में हमने आरक्षण के लिए भरी गई पर्चियों की जांच प्रारंभ की थी। उन दलालों द्वारा जाली पर्चियां भरी गई थीं, जो इन टिकटों को खरीद रहे थे। हमने एक अभियान यह भी चलाया है कि यदि उस व्यक्ति का परिचय, जो यात्रा कर रहा है, सही नहीं पाया जाता, तो इसे बिना टिकट समझा जाएगा और इसलिए उस पर जुर्माना किया जाएगा। इस अभियान को प्रारंभ करने के बाद, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि पिछले वर्ष की तुलना में बंबई में प्रतिदिन 100 प्रतिशत अधिक आरक्षण रद्द किए जा रहे हैं। अर्थात इस सीमा तक वहां झूठे आरक्षण हैं। दिल्ली में पिछले वर्ष की तुलना में प्रतिदिन 60 प्रतिशत अधिक आरक्षण रद्द किए जा रहे हैं। इससे यह साफ पता चलता है कि कभी-कभी स्थान की कमी नहीं होती, बल्कि यह सब कुछ होता है और जो संबंधित कर्मचारियों को रिश्वत दे देते हैं, उन्हें स्थान मिल जाता है। इसलिए सीटें तो उपलब्ध होती हैं, लेकिन टिकटों की चोर बाजारी और रेलवे अधिकारियों की मिलीभगत से ज्यादा पैसे देकर यात्रा करनी पड़ती है।

... इस समय में रेल अधिनियम में जंजीर खींचने पर 250 रुपये जुर्माने की व्यवस्था है। जंजीर खींचने की अनेकों घटनाएं होती हैं। कभी दूध लाने, ले जाने वाले लोग जंजीर खींचते हैं, तो भी कुछ और लोग सिर्फ इसलिए जंजीर खींचते हैं कि वे अपने मनचाहे स्थानों पर उतर सकें। ऐसी घटनाओं पर हमने जो निगरानी की है, उसके आधार पर हमने यह निष्कर्ष निकाला है कि कम से कम 50 प्रतिशत गाड़ियां सिर्फ खतरे की जंजीर खींचने के कारण विलंब से चलती हैं।...

रामावतार शास्त्री द्वारा यह कहा गया कि कभी-कभी बाहरी एजेंसियों द्वारा नकली टिकट छपवा ली जाती है और उन्हें बेचा जाता है। इस मामले की भी जांच होनी चाहिए। ...मुझे रामावतार शास्त्री द्वारा लगाए गए इस आरोप की कि सहकारी बैंक के अध्यक्ष ने पटना स्टेशन को गिरवी रखा था, जानकारी नहीं है। ...

(लोकसभा में दिए गए उद्बोधन के अंश)

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