Hindi Newsओपिनियन मेल बॉक्सHindustan Mail Box Column 07 March 2022

सुरक्षित निकालें

यूक्रेन में हालात अब बदतर हो चले हैं, जबकि इसके कई शहरों में अब भी भारतीय नौजवान फंसे हुए हैं। उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए। अव्वल तो यह नौबत ही नहीं आनी चाहिए थी, आखिर यह युद्ध कोई अचानक...

Neelesh Singh हिन्दुस्तान, Sun, 6 March 2022 09:32 PM
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सुरक्षित निकालें

यूक्रेन में हालात अब बदतर हो चले हैं, जबकि इसके कई शहरों में अब भी भारतीय नौजवान फंसे हुए हैं। उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए। अव्वल तो यह नौबत ही नहीं आनी चाहिए थी, आखिर यह युद्ध कोई अचानक नहीं भड़का है। लेकिन वहां से लौटते बच्चों के बयान और मौजूदा स्थिति बता रही है कि यूक्रेन में कार्यरत हमारा दूतावास हालात की गंभीरता को भांपने में असफल रहा है, वरना हमारे इतने सारे बच्चे अब तक वहां यूं फंसे नहीं रहते। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अब किसी भी देश में भारतीय मूल के लोगों के साथ कोई ज्यादती न हो। हम अपने एक होनहार नौजवान को खारकीव में गंवा चुके हैं। इसलिए अब सीधे रूस पर दबाव बनाने की जरूरत है।
गोविंद मिश्र
अल्कापुरी, देहरादून-01

स्पिन के जादूगर
शुक्रवार शाम क्रिकेट जगत के लिए एक बेहद दुखद खबर आई। वह थी, कलाई के जादूगर शेन वॉर्न के आकस्मिक निधन की। महज 52 साल की उम्र में वह इस दुनिया को अलविदा कह गए। शेन वॉर्न का जन्म 13 सितंबर, 1969 को ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में हुआ था। एक ऐसा मुल्क, जहां तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहता था, वहां वॉर्न ने अलग राह पकड़ी और कंगारू टीम को दुनिया के बेहतरीन स्पिनर की मजबूती दिलाई। वॉर्न ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत जनवरी, 1992 में सिडनी टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ की थी, वहीं आखिरी मैच उन्होंने साल 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। शेन वॉर्न दुनिया के उन बेहतरीन लेग स्पिनरों में थे, जो अपनी गेंदबाजी से खेल का रुख बदल देते थे। उन्हें दुनिया की किसी भी पिच पर गेंद को स्पिन कराने में महारत हासिल थी। एक ऐसी ही गेंद उन्होंने 4 जून, 1993 को मैनचेस्टर मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ डाली थी, जिसे ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ कहा गया। तब उनकी उम्र महज 23 साल की थी। माइक गेटिंग बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्हें पता भी नहीं चला कि कब गेंद उनके पैरों के बीच से निकलकर स्टंप की गिल्लियां उड़ा गई। वह हैरान रह गए थे कि यह गेंद कहां से आई, और कहां घूम गई। लव यू शेन वॉर्न! आपने एक खिलाड़ी, एक कप्तान और एक कोच के तौर पर सभी को आश्चर्यचकित किया है।
गौतम एस.आर.

मेट्रो के अजीब नियम
दिल्ली मेट्रो अपनी सेवाओं और रखरखाव के लिए देश-दुनिया में सराही जाती रही है, लेकिन हाल के दिनों में उसकी कई बातें अजीब लगती हैं। एक ही समय में वह यह घोषणा करती है कि सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार यात्रीगण सभी सीटों पर बैठ सकते हैं और दूसरे ही पल यह भी एलान कर देती है कि कृपया आपस में दूरी बनाए रखें। अंदर मुसाफिरों से इसके कोच अटे पड़े रहते हैं और प्रवेश द्वार व निकासी के रास्तों को इसने बाधित कर रखा है। एक तरफ के गेट ही खुले होते हैं। इसके कारण कई स्टेशनों पर यात्रियों को आधा किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता है। कहीं मेट्रो ने भी तो स्टाफ कर छंटनी नहीं कर दी है? अगर यात्राएं सामान्य कर दी गई हैं, तो सुविधाएं भी सभी बहाल होनी चाहिए!
वेदिका सिंह
गुरु रामदास नगर, दिल्ली-92

अब परिणाम का इंतजार
यूपी में आज सातवें चरण की वोटिंग के साथ पांच राज्यों में मतदान संपन्न हो जाएंगे। अब सबकी निगाह 10 मार्च पर लग गई है। ये परिणाम भाजपा के लिए काफी अहम हैं, क्योंकि इससे 2024 के आम चुनाव की पटकथा भी लिखी जाएगी। फिर पांच में से चार राज्य में उसकी ही सरकार थी। जाहिर है, उसके लिए चुनौती बड़ी है, क्योंकि चंद महीने बाद ही हिमाचल और गुजरात का चुनावी अभियान भी शुरू हो जाएगा। 
रामाज्ञा चौधरी
सेक्टर-चार, वैशाली, गाजियाबाद 

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