मर जाऊंगा मगर माफी नहीं मांगूगा, पंचायत के बाद युवक ने क्यों किया सुसाइड?
तुलसी चौधरी के पुत्र मूरत चौधरी और इंग्रासन चौधरी के पुत्र मनोज चौधरी के बीच किसी मामले को लेकर विवाद हुआ था। विवाद के निपटारे के लिए स्थानीय पंचों द्वारा पंचायत की गई। पंचायत में मूरत चौधरी को कारी चौधरी के पक्ष से माफी मांगने की बात कही गई।
बिहार के पश्चिम चंपारण में पंचायत के फैसले के बाद इतना आक्रोशित और नाराज हुआ कि आत्महत्या करके खुद की जिन्दगी समाप्त कर ली। दो पक्षों के बीच हुए विवाद में पंचायत बुलाई गई थी। लेकिन पंचायती के बाद उसने ऐसा कदम उठाया कि सभी के सभी दंग रह गए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया और मामले की जांच में जुट गयी है। आत्महत्या के पीछे और क्या कारण हो सकते हैं इसका पता लगाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि खेती में उपयोग में लाने वाला जहर खाकर उसने खुदकुशी कर ली। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
घटना बगही रतनपुर पंचायत के वार्ड 3 की है। थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए जीएमसी हॉस्पिटल भेज दिया गया है। मामले की छानबीन की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार तुलसी चौधरी के पुत्र मूरत चौधरी और इंग्रासन चौधरी के पुत्र मनोज चौधरी के बीच किसी मामले को लेकर विवाद हुआ था। विवाद के निपटारे के लिए स्थानीय पंचों द्वारा पंचायत की गई। पंचायत में मूरत चौधरी को कारी चौधरी के पक्ष से माफी मांगने की बात कही गई। लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ गया। माफी मांगने को लेकर मूरत चौधरी ने कहा कि मर जाऊंगा तो मर जाऊंगा मगर माफी नहीं मांगूगा । इसके बाद युवक मूरत चौधरी ने आत्महत्या कर ली। कुछ लोगों ने बताया कि उसने खेतों में डाले जाने वाले जहर को खा लिया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि उसकी मौत फंदे से लटकाने से हुई है या जहर खाने से।
इस मामले में सदर एसडीपीओ रजनीशकांत प्रियदर्शनी ने बताया कि घटना की सूचना मिली है। पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्मार्टम करा रही है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। उसके परिजनों के आवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी । बताया जाता है कि मूरत कुमार ने जब विषपान किया तो उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद परिजनों द्वारा उसे पीएचसी लाया गया। जहां उसकी मौत इलाज के क्रम में हो गई है। मूरत की शादी एक वर्ष पहले हुई थी। मृतक सात भाई था। वह तुलसी चौधरी का चौथा पुत्र था। घटना के बाद गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है। वहीं परिजनों के चित्रकार से गांव गूंजने लगा है।