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सियार का आतंक! दिन में महिला और रात में पुरुषों की ड्यूटी, चौकी को बनाते हैं मचान और दरवाजा

हसनचक बंगरा के वार्ड सदस्य मो. वसीम अख्तर शौकी ने बताया कि वन विभाग का चौबीसों घंटे सर्च अभियान चलाना मुश्किल है। इसी वजह से ग्रामीणों ने खुद सियार को खदेड़ेंगे या उसे पकड़ने का निर्णय लिया है। सुबह से दोपहर तक असीम साजन के साथ 10 लोग पहरेदारी कर रहे है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरThu, 12 Sep 2024 10:02 AM
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बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सियार के आतंक से बचने के लिए हसनचक बंगरा गांव के लोगों ने खुद की अलग तीन टीम तैयार की है। यह टीम सुबह, दोपहर और रात को घरों की पहरेदारी करेगी। गांव में दहशत इतनी है कि जिन घरों में ढंग के दरवाजे नहीं थे वहां चौकी को ही दरवाजा बना दिया गया है। दिन में ग्रामीण चौकी को मचान बनाकर सोते है और रात में घर के मुहाने पर दरवाजे की तरह चौकी लगाकर परिवार की सुरक्षा कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि टीम में महिला व पुरुष का अलग-अलग समूह है।

हसनचक बंगरा के वार्ड सदस्य मो. वसीम अख्तर शौकी ने बताया कि वन विभाग का चौबीसों घंटे सर्च अभियान चलाना मुश्किल है। इसी वजह से ग्रामीणों ने खुद सियार को खदेड़ेंगे या उसे पकड़ने का निर्णय लिया है। सुबह से दोपहर तक असीम साजन के साथ 10 लोग पहरेदारी कर रहे है। दोपहर बाद घर का काम खत्म कर महिलाओं की टोली शाम तक नहर के आसपास सियार पर नजर रखती है, जबकि रात में वसीम के साथ एक दर्जन लोग दो बजे तक गांव में पहरा दे रहे हैं। टीम लोगों को जागरूक भी कर रही है। ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार शाम हसनचक बंगरा में दो सियार देखे गए। वहीं, एक दिन पहले माधोपुर सुस्ता गांव में सियार ने एक व्यक्ति पर हमला बोल दिया था।

ढाई किमी के दायरे में चलाया जा रहा सर्च अभियान

वन विभाग के पशु चिकित्सक डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि हमला करने वाले सियार को वन विभाग की टीम खोज रही है। उसके लिए 2.5 किमी का दायरा चिह्नित किया गया है। इसी इलाके में सियार को ढूंढा जा रहा है। उसके लिए पिंजरा व जाल लगाया है। एक दिन पहले दो जगह सियार काटने की बात ग्रामीणों ने बताई। उनसे टीम मिली व जांच की। कुत्ते के काटने की बात सामने आई है।

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