Hindi Newsबिहार न्यूज़White foam in Ganga like Yamuna polluted water with chemicals falling into river in Patna

यमुना की तरह गंगा नदी में भी सफेद झाग, पटना में गिर रहा केमिकल वाला प्रदूषित पानी

पटना में दीघा नहर के जरिए केमिकल वाला गंदा पानी गंगा नदी में गिर रहा है। इस पानी में सफेद झाग बनते हुए नजर आ रहे हैं। दिल्ली में यमुना नदी में भी इस तरह के झाग बने हुए हैं।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तानFri, 15 Nov 2024 06:48 AM
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यमुना की तरह गंगा नदी के पानी में भी सफेद झाग दिखने लगे हैं। बिहार की राजधानी पटना में केमिकल वाला प्रदूषित पानी गंगा में गिर रहा है। दीघा नहर का पानी बिना उपचार के सीधे नदी में जाने से वहां सफेद झाग बनने लगा है। नाला का यह जहरीला पानी है। पिछले साल भी दीघा पाटीपुल घाट पर गंगा में सफेद झाग बने थे। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही इसे रोकने का गंभीर प्रयास किया गया।

नाले का केमिकल युक्त काला पानी गंगा नदी को प्रदूषित कर रहा है। कार्तिक पूर्णिमा शुक्रवार को है। करीब चार से पांच लाख लोग पटना स्थित गंगा नदी में स्नान करने पहुंचे हैं। गंगा की शुद्धता के साथ जिस लापरवाही से खिलवाड़ किया जा रहा है, उससे श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो गया है। पहले से ही गंगा के पानी में टोटल कॉलिफॉम और फीकल कॉलिफॉम नामक खतरनाक जीवाणुओं की संख्या मानक से कहीं अधिक हो चुकी है।

शहर के सीवरेज का पानी बिना ट्रीटमेंट के गंगा नदी में जा रहा है। इस कारण गंगा का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है। नाले के पानी में मौजूद रासायनिक पदार्थों के घुलने से न सिर्फ गंगा का पानी प्रदूषित हो रहा है, बल्कि सफेद झाग भी अब तैरने लगे हैं। दीघा नहर का गेट खोल दिया गया है। सफेद झाग वाला जहरीला पानी धड़ल्ले से गंगा में जा रहा है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नालों की कर रहा जांच

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद भी पटना जिला के नगर निकायों के नालों के पानी की जांच कर रहा है। पटना जिले में ऐसे 507 नाले चिह्नित किए गए हैं। इन नालों का पानी बिना ट्रीटमेंट के ही गंगा नदी में डाला जा रहा है। इनमें दीघा नहर भी शामिल है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम द्वारा की जा रही शुरुआती जांच में भी यह बात सामने आई है कि नालों के पानी में टीसी और एफसी जीवाणुओं की संख्या अत्यधिक है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत पटना नगर निगम क्षेत्र में छह एसटीपी बन रहा है। बावजूद इसके अभी तक प्रमुख नालों के पानी को नहीं रोका जा सका है।

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