एकजुट एनडीए, एकजुट बिहार, 2025 में फिर से नीतीश कुमार; जेडीयू के नए पोस्टर में मोदी भी
जेडीयू ने एकजुट एनडीए, एकजुट बिहार, 2025 में फिर से नीतीश कुमार नाम से नया पोस्टर जारी किया है। इसमें सीएम नीतीश के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो भी है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने एक नया पोस्टर जारी किया है। इसमें 'एकजुट एनडीए, एकजुट बिहार, 2025 में फिर से नीतीश कुमार' का संकल्प दिया गया है। खास बात यह है कि इस पोस्टर में नीतीश के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी फोटो है। एक दिन पहले हुई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रदेश कोर कमिटी की बैठक में नीतीश के नेतृत्व में ही आगामी बिहार चुनाव लड़ने का संकल्प लिया गया था। इसके बाद साफ हो गया है कि 2025 में नीतीश ही एनडीए का चेहरा होंगे।
सीएम नीतीश को लेकर जेडीयू के पोस्टर बीते दो दिनों से सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। रविवार को जारी पोस्टर में जेडीयू ने कहा था कि जब बात बिहार की हो, तो नाम सिर्फ नीतीश कुमार का हो। इसके बाद सोमवार को एक और पोस्टर रिलीज किया गया, जिसमें 2025 में फिर से नीतीश कुमार लिखा गया। हालांकि, पहले के दो पोस्टरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो शामिल नहीं था। मंगलवार को जेडीयू के द्वारा जो पोस्टर जारी किया गया। इसमें पीएम मोदी और सीएम नीतीश का हाथ मिलाते हुए फोटो लगाया गया है। इसमें एनडीए के एकजुट होने का दावा भी किया गया है।
यह पोस्टर बिहार बीजेपी की कोर कमिटी की बैठक के ठीक एक दिन बाद आया है। हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित इस बैठक में बिहार बीजेपी के कोर ग्रुप के नेताओं ने नीतीश कुमार के चेहरे पर ही आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला लिया। इस बात की जानकारी खुद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दी।
वहीं, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने भी सोमवार को ही स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) एनडीए में रहकर ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी, जिसका नेतृत्व नीतीश कुमार करेंगे। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान को भी नीतीश के नेतृत्व से कोई ऐतराज नहीं है। वे पूर्व के कई बयानों में यह जाहिर कर चुके हैं। ऐसे में अब स्पष्ट हो गया है कि नीतीश ही 2025 में एनडीए का सीएम फेस होंगे।
अमित शाह के बयान के बाद होने लगी थी चर्चा
दरअसल, पिछले दिनों बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार माने जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव में नेतृत्व को लेकर खुलकर बयान देने से परहेज किया था। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी एनडीए बिना चेहरे के ही चुनाव लड़ेगा? इस पर शाह ने खुलकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि इस पर बाद में विचार किया जाएगा। शाह के इस बयान के बाद बिहार चुनाव में नीतीश के नेतृत्व को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी थीं। हालांकि, बाद में सहयोगी दलों ने नीतीश के नाम पर मुहर लगा दी।