Hindi Newsबिहार न्यूज़Two died of food poisoning in Patna shelter home many ill investigation ordered

पटना के शेल्टर होम में 3 बच्चियों की मौत से हड़कंप, फूड पॉइजनिंग से 10 बीमार; जांच का आदेश

पटना के शेल्टर होम में पिछले सप्ताह फूड पॉइजनिंग की शिकार हुईं तीन बच्चियों की अब तक मौत हो चुकी है। वहीं, 10 अन्य बच्चियों को भी उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से सात का पीएमसीएच में अब भी इलाज चल रहा है।

Jayesh Jetawat पटना, हिन्दुस्तान टाइम्सWed, 13 Nov 2024 08:45 PM
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बिहार की राजधानी पटना के एक शेल्टर होम में रहने वालीं तीन बच्चियों की कथित तौर पर फूड पॉइजनिंग से मौत होने पर हड़कंप मच गया है। शहर के पटेल नगर स्थित आसरा गृह में 7 नवंबर को खाना खाने के बाद 13 बच्चियां बीमार हो गई थीं। इनमें सें दो बच्चियों ने पहले ही दम तोड़ दिया। वहीं बुधवार शाम 12 साल की एक और बच्ची की पीएमसीएच के शिशु इमरजेंसी में इलाज के दौरान मौत हो गई। पटना के डीएम चंद्रशेखर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया है। एडीएम स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में कमिटी गठित कर विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

जानकारी के अनुसार, पटना के आसरा गृह (शेल्टर होम) में 7 नवंबर को रात्रि भोजन के बाद कुछ लड़कियों की तबीयत खराब हो गई थी। पहले उन्हें शेल्टर होम के अंदर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। बाद में हालत बिगड़ने पर पीएमसीएच में भर्ती कराया गया। एक बच्ची की उसी दिन अस्पताल पहुंचने के पहले ही जान चली गई थी। इसके बाद एक अन्य ने 10 नवंबर को दम तोड़ा। फिर, बुधवार को एक और बच्ची की मौत हो गई। हालत में सुधार होने के बाद अस्पताल से तीन बच्चियों को छुट्टी दे दी गई। वहीं, सात अन्य का इलाज चल रहा है, जिनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।

खाने और पानी के लिए गए सैंपल

घटना के बाद डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने एडीएम विशेष कार्यक्रम के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच दल गठित किया। टीम में एडीएम के अलावा जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आईसीडीएस), प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी शामिल हैं। टीम ने बुधवार को मौके पर जाकर जांच की और अपनी रिपोर्ट सौंप दी। जांच कमेटी ने प्रथमदृष्टया पाया है कि तीनों संवासिन की मौत और अन्य 10 की तबीयत खराब होने की मुख्य वजह फूड प्वाइजनिंग थी।

निरीक्षण के बाद आसरा गृह में मेडिकल टीम तैनात कर दी गई है तथा चौबीस घंटे एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है। डीएम ने बताया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच टीम ने पाया है कि आसरा गृह के बच्चे दूषित भोजन के खाने से बीमार हुए हैं। सिविल सर्जन ने भी आसरा गृह का निरीक्षण किया है। खाद्य सामग्री और पानी का नमूना लिया गया है, जिसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस शेल्टर होम के अंदर खाना नहीं पकाया जाता है। एक एजेंसी के जरिए यहां खाना बाहर से मंगाया जाता है। 7 नवंबर को भी एजेंसी की ओर से खाना परोसा गया था। शेल्टर होम के एक कर्मचारी ने एचटी को बताया कि 7 नवंबर की सुबह करीब 30 लोगों ने खाना खाया और उन्हें बेचैनी, दस्त, उल्टी और बेहोशी की शिकायत होने लगी।

50 संवासिनों के रहने की क्षमता

गौरतलब है कि आसरा गृह में कुल 50 संवासिन के रहने की व्यवस्था है। वर्तमान समय यहां 45 संवासिनी रह रही हैं। सात नवंबर को 13 संवासिनी की तबीयत भोजन करने के बाद बिगड़ गई थी। 11 नवंबर तक पीएमसीएच में कुल 13 संवासिन को भर्ती कराया गया था। इनमें एक की मौत सात नवंबर, दूसरी की 10 तो तीसरी की 13 को पीएमसीएच में हो गई। सात उपचार चल रहा है, जबकि तीन को छुटटी दे दी गई है।

जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कोषांग की निगरानी में चल रहा आसरा गृह

यह आसरा गृह दिव्यांगजन निदेशालय, पटना द्वारा वित्त प्रदत्त है। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कोषांग, पटना की निगरानी में इसका संचालन हो रहा है। इसका उद्देश्य मानसिक विक्षिप्त एवं बेसहारा महिलाओं का आवासन एवं स्वास्थ्य देखभाल है। आसरा गृह में एक अधीक्षिका, एक काउंसलर, दो गृहमाता, एक एएनएम समेत कुल 19 कर्मी पदस्थापित हैं। जिलाधिकारी ने सहायक निदेशक, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कोषांग को आसरा गृह में स्वच्छता और आवासितों का उचित देखभाल कराने का निर्देश दिया है।

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