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निर्देश पर परिजनों ने अस्पताल से 20 दिनों बाद शव को पाया

जदिया में एक निजी अस्पताल में 20 दिनों से फ्रीजर में रखा शव प्रशासनिक निर्देश के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक अमरेन्द्र पासवान की 24 अक्टूबर को अस्पताल में मौत हुई थी। परिजनों ने पहले शव का...

Newswrap हिन्दुस्तान, सुपौलFri, 15 Nov 2024 01:15 AM
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जदिया, निज संवाददाता। पिछले एक पखवाड़े से भी ज्यादा दिनों से नेपाल के एक निजी अस्पताल अस्पताल के फ्रीजर में पड़े शव को प्रशासनिक निर्देश के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा डीएम कौशल कुमार से लगाई गई गुहार रंग लाई और डीएम ने बिना देर किए अविलंब वहां से शव को लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए एंबुलेंस से थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने मृतक के परिजनों को नेपाल स्थित विराटनगर न्यूरो अस्पताल भेजा, जहां अस्पताल प्रबंधन ने शव के साथ मृतक के मेडिकल डॉक्यूमेंट परिजनों को सौंप दिया। मृतक के चाचा डोमी पासवान ने शव रिसीव किया। इसके बाद शव जदिया थाना लाया गया। थानाध्यक्ष ने कागजी प्रक्रिया के बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद परिजनों ने मृतक का दाह-संस्कार किया। मालूम हो कि 15 अक्टूबर को जदिया थाना से महज दो सौ गज की दूरी पर बाइक पर सवार दो सगे भाई कोरियापट्टी पश्चिम पंचायत के वार्ड 13 निवासी अमरेन्द्र पासवान और सुभाष उर्फ रौशन सड़क दुघर्टना में गंभीर रूप घायल हो गए थे। अमरेन्द्र पासवान को मधेपुरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल और सुभाष को नेपाल के एक हास्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान 24 अक्टूबर को अस्पताल में मौत हो गई थी। बाद में अस्पताल के भारी भरकम बकाया राशि को लेकर परिजनों ने किनारा लेते हुए बिना शव के ही क्रिया कर्म कर डाला था। उधर, 20 दिनों से पड़े शव को लेकर अस्पताल प्रबंधन की बेचैनी दिनों दिन बढ़ती जा रही थी। बुधवार को शव मिलने के बाद जहां परिजन राहत महसूस कर रहे थे वहीं अस्पताल प्रबंधन शव सौंप कर सुकून महसूस कर रहा था।

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