Hindi Newsबिहार न्यूज़सुपौलMithila s Cultural Festival Sama Chakeva Celebration Concludes with Traditional Farewell

चुगला का मुंह जलाने के साथ संपन्न हुआ लोकपर्व सामा-चकेबा

छातापुर में सामा-चकेवा का उत्सव शुक्रवार की रात समाप्त हुआ। महिलाओं ने पारंपरिक गीतों के साथ सामा-चकेवा की विदाई दी। मिट्टी से बने सामा-चकेवा को जलाया गया और उन्हें विसर्जित किया गया। इस परंपरा में...

Newswrap हिन्दुस्तान, सुपौलSun, 17 Nov 2024 01:18 AM
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छातापुर, एक प्रतिनिधि। चुगला का मुंह जलाने के साथ ही मिथिला की संस्कृति के उत्सव का पर्व सामा चकेवा शुक्रवार की रात संपन्न हो गया। मिथिलांचल के घर-आंगन में शाम से ही सामा-चकेवा के गीत गूंजने लगे थे। इस दौरान महिलाओं ने भावपूर्ण पारंपरिक गीतों के साथ सामा-चकेवा को विदाई दी। छातापुर प्रखंड के तमाम ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने देर रात तक मिट्टी से बने सामा-चकेवा के विदाई की रस्म पूरी की। परंपरा अनुसार सामा-चकेवा, सतभइंया, वृंदावन, चुगला, ढोलिया-बजनिया, बन तितिर, पंडित और अन्य मूर्तियों के खिलौने वाले डाला को लेकर महिलाएं घरों से बाहर निकली। इसके पाट से बने चुगला को जलाया और उसका मुंह झुलसाया गया। इसके बाद उन्हें सामूहिक रूप से विसर्जित किया गया। कहा कि जिस तरह एक बेटी को ससुराल विदा करते समय उसके साथ नया जीवन शुरू करने के लिए आवश्यक वस्तुएं दी जाती है ठीक उसी तरह से विसर्जन के समय सामा के साथ खाने-पीने की चीजें, कपड़े, बिछावन और अन्य आवश्यक वस्तुएं दी गई। इस दौरान महिलाओं ने विदाई और समदाउन गीत भी गाए। विसर्जन के पूर्व भाई अपने घुटने से सामा-चकेवा की मूर्ति तोड़ी।

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