अगर राजा धार्मिक होता है तो प्रजा सुखी रहती है: वत्स जी महाराज
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सुपौल, एक संवाददाता। सदर प्रखंड के हरदी पश्चिम पंचायत के विशनपुरनाथ शिव मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। अयोध्या से आए पूज्य आचार्य श्री वत्सजी महाराज ने कथा में बताया कि राजा परीक्षित को वाणी द्वारा श्राप मिला। इसके कारण सुकदेव जी महाराज ने वाणी द्वारा ही श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा श्रवण करा कर उनका उद्धार किया था। महाराज जी ने कहा कि संत का अपमान करने वालों को गलत परिणाम मिलता है। कभी भी संतों का अपमान नहीं करना चाहिए। इसकी शिक्षा पूरे समाज के लोगों को लेना चाहिए। उन्होंने महाभारत की कथा सुनाते हुए परीक्षित महाराज की जन्म की कथा का वर्णन करते कहा कि राजा को हमेशा धार्मिक होना चाहिए। वत्स जी ने प्रसंगों का वर्णन करते हुए भगवती गंगा जोत्रि पंथ गामिनी है। कहा कि मां भगवती गंगा धरा धाम पर आने का तथा महाराज भगीरथ की तपस्या का वर्णन किया। कहा कि अगर राजा धार्मिक होता है तो प्रजा सुखी रहती है। राजा को चाहिए कि अपनी प्रजा के सुख-दुख का ज्ञान करता रहे। उन्होंने माता कुंती का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि हमें भगवान का शरणापन्न होना आवश्यक है। कुंती के पुत्रवधू भगवती उत्तरा देवी को अश्वत्थामा उनके गर्भ को नष्ट करना चाहता था। उन्होंने भगवान का आश्रय लेकर चरण शरण ग्रहण किया तो भगवान ने उनकी रक्षा की। इसलिए समाज को चाहिए कि भगवान से जुड़े रहें। भगवान की भक्ति करते रहें जिससे पल-पल घर-परिवार की रक्षा करते हैं। भाई-भाई के प्रेम में धन की वैमनस्यता नहीं करनी चाहिए। घर के मुखिया को परिवार चलाने के लिए अगर कुछ परेशानियां भी उठानी पड़े तो उन्हें उठा लेना चाहिए। मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
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