ना गवाही हुई ना बेल बॉन्ड दाखिल हुआ
सुपौल, हिन्दुस्तान संवाददाता। व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी शुक्रवार को दूसरे दिन भी बेमियादी कलमबद्ध
सुपौल, हिन्दुस्तान संवाददाता। व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी शुक्रवार को दूसरे दिन भी बेमियादी कलमबद्ध हड़ताल पर रहे। चार सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर सूबे स्तर पर सभी जिलों में हड़ताल जारी है। इस दौरान व्यवहार न्यायालय के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय सभी कर्मचारी न्यायिक कार्य से अलग रहे। सभी बैनर-पोस्टर लेकर परिसर में धरना पर बैठे रहे। यही नहीं मेन गेट पर मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की। इस कारण सभी कार्यालयों में दिनभर ताले लटके रहे।
कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से कामकाज पर असर पड़ा है। गवाही भी नहीं हुई और बेल बांड भी दाखिल नहीं हो सका। दरअसल जिन तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों ने हड़ताल की है, उन्हीं के जिम्मे अदालत के ज्यादातर काम जैसे फाइल इधर से उधर पहुंचाना, यहां तक कि दफ्तर का दरवाजा बंद करने और खोलने का काम भी होता है। हड़ताल के कारण न्यायालयों में न्यायिक कार्य ठप रहे। थानों में गिरफ्तार आरोपितों और वारंटियों का रिमांड भी नहीं हो सका। थाने से कोर्ट लाए गए गिरफ्तार लोगों को पुलिस कर्मी लेकर लौट गए। डेट पर आए पक्षकार और वकील को वापस होना पड़ा। हाजिरी-पैरवी भी नहीं ली गई। ऐसे में किस केस में कब का डेट पड़ा, इसके लिए पक्षकार और वकील-मुंशी जानकारी जुटाने के लिए बेचैन दिखे।
प्रतिदिन जिले में औसतन ढाई हजार मामलों में सुनवाई होती है, जो पूरी तरह से ठप हो गया। जमानत अर्जी मंजूरी के बाद कई लोगों के बेल बाउंड क्लीयर नहीं हो सका। इसके कारण उनकी जमानत पर मुक्ति का आदेश भी जेल नहीं पहुंच सका।
ये हैं हड़ताली कर्मचारियों की मांगें: सभी संवर्गों की वेतन विसंगति को जल्द से जल्द दूर करें, तृतीय और चतुर्थ वर्गीय सभी कर्मचारियों को पदोन्नति मिले, शत प्रतिशत अनुकंपा पर बहाली हो, विशेष न्यायिक कैडर को सरकार लागू करे। मांगों के समर्थन में न्यायिक कर्मचारियों ने दूसरे दिन जिला कोर्ट के मेन गेट पर रोषपूर्ण प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी भी की।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।