हरियाही: कोरोना जांच की नहीं है सुविधा
कोरोना संक्रमण से ग्रामीण क्षेत्र में भय का माहौल है। आलम यह है कि हर कोई एक-दूसरे के संक्रमित होने पर शक कर रहा है। बावजूद इसके ग्रामीण इलाकों में...
सुपौल। संवाददाता
कोरोना संक्रमण से ग्रामीण क्षेत्र में भय का माहौल है। आलम यह है कि हर कोई एक-दूसरे के संक्रमित होने पर शक कर रहा है। बावजूद इसके ग्रामीण इलाकों में लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को पहनना अपनी जिम्मेवारी नहीं समझते हैं।
हर घर में सर्दी, बुखार खांसी के मरीज होने के बावजूद लोग घरेलू नुस्खे और ग्रामीण डॉक्टरों से अपना इलाज करा रहे हैं। हरियाही पंचायत की आबादी सात हजार से अधिक है। इसमें 9 वार्ड है। इनमें जरौली, इस्लामपुर, हरिपुर और हरियाही गांव शामिल है। पंचायत में अभी तक जांच की सुविधा नहीं होने से लोगों में निराशा है। जांच की सुविधा नहीं होने से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या का पता नहीं चल पा रहा है।
पंचायत के जगदीश ठाकुर, पवन कामत, सरयुग मंडल, विजय मंडल, श्रवण मंडल, उपेंद्र कामत, लाल कामत, मो. इसताक, मो. बद्री, मो. कलीम, शकुर राणा आदि ने बताया कि यहां उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने के कारण लोगों को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल या पीएचसी जाना पड़ता है। पंचायत में कोरोना जांच की व्यवस्था नहीं रहने से लोग कोरोना का जांच नहीं करा पाते हैं। लक्षण होने पर लोग स्थानीय डॉक्टर से ही इलाज कराते हैं।
बता दें कि पंचायत के वार्ड 1, 2, 3 और 4 में बीडीओ और पंचायत सचिव द्वारा सेनिटाइज कराया गया है। अन्य वार्डों में सेनिटाइज नहीं किए जाने से लोगों में आक्रोश भी है। बीडीओ व पंचायत सचिव द्वारा पंचायत में लगभग 1124 परिवारों को मास्क का वितरण किया गया है। मुखिया द्वारा अभी तक सेनिटाइज और मास्क का वितरण नहीं किए जाने से लोग नाराज हैं।
लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ना तो पंचायत में कोरोना जांच शिविर लगाया गया है और ना ही मरीजों को दवा मिल रही है। ऐसे में ज्यादातर लोग कोरोना से बचाव के लिए देसी नुस्खे और काढा पी रहे हैं। संकट बढ़ता जा रहा है लेकिन टीकाकरण की रफ्तार नहीं बढ़ रही है। पंचायत के लोगों की माने तो घर-घर सर्वे के लिए आज तक स्वास्थ्य विभाग की टीम भी नहीं आई है और ना ही टीका लगाने का कोई सुविधा मुहैया कराई गई है। हालांकि अप्रैल महीने में एक दिवसीय टीका शिविर लगाया गया था। इसमें कुछ लोगों को कोरोना का वैक्सीन लगाया गया। पंचायत के लोगों को टीका लेने के लिए 5 से 7 किलोमीटर दूर अनुमंडलीय अस्पताल या पीएचसी जाना पड़ता है।
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