44 हजार बच्चों का नहीं बनेगा अपार
सुपौल में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 44 हजार छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है, जिसके कारण उनका अपार कार्ड नहीं बन पाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने आधार को अनिवार्य किया है, लेकिन जटिल प्रक्रिया के कारण...
सुपौल। जिले के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में नामांकित 44 हजार छात्रों को आधार कार्ड नहीं है। इसके कारण इन बच्चों का अपार आईडी नहीं बन पाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने वन नेशन वन आईडी के तहत आपार कार्ड बनाना अनिवार्य किया, लेकिन इसके लिए छात्रों का आधार होना जरूरी है और वर्तमान में आधार बनाने की जटिल प्रक्रिया के कारण अगले तीन महीने से पहले ऐसे छात्रों आधार बनना भी मुश्किल बताया जा रहा है। ऐसे में इन बच्चों का अपार कार्ड बनाने में परेशानी बढ़ने वाली है। बताया जा रहा है कि अपार यानी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक रजिस्ट्री कार्ड छात्रों का एक डिजिटल आईडी कार्ड होगा। इसमें छात्रों की पूरे जीवन भर की शैक्षणिक जानकारी ऑनलाइन रहेगी। जिले में अब भी 44 हजार 415 छात्रों का ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर आधार अपलोड नहीं हुआ है। विभागीय आंकड़ों की मानें तो सरकारी स्कूलों में 4 लाख 5 हजार 396 छात्रों का आधार है और 39 हजार 282 का आधार नहीं बना है। इसी तरह प्राइवेट स्कूलों में 28 हजार 453 छात्रों का आधार अपलोड है तो 4903 छात्रों का आधार नहीं बना है। ऐसे में बिना आधार वाले छात्रों को भविष्य में परेशानी हो सकती है। 25 नवंबर तक आपार कार्ड निर्माण अभियान का समय है, लेकिन अब तक 10 फीसदी टारगेट भी पूरा नहीं हो सका है।
जन्म प्रणाम पत्र बनाने में सप्ताह भर होना पड़ता है परेशान: कई स्कूलों के एचएम की मानें तो आधार बनाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र बनाना अनिवार्य है। इसके लिए सप्ताह से 10 दिन तक अभिभावकों को परेशान होना पड़ता है। पूर्व में विभाग से शिविर लगाने की भी बात कही गई थी, लेकिन आदेश धरातल पर नहीं उतर सका। लंबी प्रक्रिया के बाद अगर आधार बन भी जाता है तो आधार जेनरेट होने में दो से तीन महीने का समय लगता है। ऐसे में अभिभावक परेशान हैं।
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