जिंदा पति को मरा बताकर विधवा पेंशन ले रही थी पत्नी, जानिए कैसे हुआ खुलासा
बिहार के सुपौल में जिंदा पति को मरा बताकर पत्नी विधवा पेंशन ले रही है। और पति 60 साल से पहले ही वृद्धा पेंशन का मजा ले रहा है। और ये पूरा खेल सरकारी कागजों पर खेला गया। और विभाग को खबर तक नहीं हुई।
बिहार में जिंदा पति को मरा बताकर पत्नी विधवा पेंशन ले रही है। और पति 60 साल से पहले ही वृद्धा पेंशन का मजा ले रहा है। और ये पूरा खेल सरकारी कागजों पर खेला गया। और संबंधित विभाग को खबर तक नहीं है। यह मामला सुपौल के त्रिवेणीगंज का है। जहां परसागढ़ी उत्तर पंचायत के रहने वाले जगदीश यादव की पत्नी कटारिया देवी बीते 10 साल से विधवा पेंशन ले रही है। जबकि उसका पति जिंदा है। लेकिन फाइलों में मृत घोषित किया गया है।
हैरानी की बात यह भी है कि दोनों अक्टूबर में जिंदा होने का प्रमाण पत्र भी विभाग में जमा किया था। जिसके बावजूद विभाग ने कोई खोज खबर नहीं ली। लेकिन अब मामला सामने आने पर कार्यवाही के बदले अधिकारी लीपापोती में जुट गए हैं।
जगदीश यादव की पत्नी कटरिया देवी जहां विधवा पेंशन हड़प रही है, तो वहीं जगदीश भी बुढ़ापे से पहले ही वृद्धा पेंशन योजना का लाभ उठा रहा है। कटारिया देवी की लाभार्थी संख्या 000007886664 हैं। जबकि पति जगदीश यादव की लाभार्थी संख्या 000009502901 है। मामला प्रकाश में आने के बाद लोक शिकायत पदाधिकारी ने बीडीओ को जांच के निर्देश दिए हैं। इस मामले का खुलासा तब हुआ था जब परसागढ़ी उत्तर के वेचन यादव ने वाद दायर किया था।
ऐसे में सवाल उठ रहे है कि आखिर पति के जिंदा रहते पत्नी को विधवा पेंशन कैसे मिल रही थी, जिंदा रहते मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार कौन है। इस फर्जीवाड़े में शामिल कर्मिचारियों पर आखिर कार्रवाई कब होगी। फिलहाल बीडीओ को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। आपको बता दें बिहार में लक्ष्मीबाई विधवा पेंशन योजना का लाभ सिर्फ विधवा को ही मिलता है। जबकि वृद्धावस्था पेंशन 60 साल की उम्र के बाद ही मिलने का प्रावधान है।