राकेश टिकैत के कंधे से नीतीश कुमार की सरकार पर क्यों बंदूक चला रहे हैं लालू के विधायक सुधाकर सिंह?
सुधाकर सिंह एक बार फिर नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोल रहे हैं, लेकिन इस बार वो खुद सामने आकर नहीं बल्कि किसान नेता राकेश टिकैत की आड़ में बिहार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
आरजेडी विधायक व पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह एक बार फिर नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोल रहे हैं, लेकिन इस बार वो खुद सामने आकर नहीं बल्कि किसान नेता राकेश टिकैत की आड़ में बिहार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। दरअसल, राकेश टिकैत इन दिनों के बिहार दौरे पर हैं। रविवार को भभुआ तो सोमवार को औरंगाबाद में राकेश टिकैत ने किसानों की जनसभा में नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान सुधाकर सिंह ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा। भभुआ में तो आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार के अधिकारियों पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। किसानों को संबोधित करते हुए सुधाकर सिंह ने कहा कि यदि कोई कलेक्टर आपके पास आए तो उसके मुंह पर थूक दीजिये, उसे फटे जूतों की माला पहना दीजिये। आरजेडी विधायक ने यहां तक कह दिया कि जो कुर्सियों पर बैठकर आम लोगों व किसानों की बात नहीं सुनते हैं, वो नक्सली हैं। जंगलों में बागी व नक्सली नहीं रहते हैं बल्कि कुर्सियों पर बैठने वाले लोग नक्सली हैं।
बता दें कि नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी करने के कारण ही सुधाकर सिंह को मंत्री पद से हटाया गया था। हालांकि मंत्री पद से हटाए जाने के बाद भी सुधाकर सिंह के तेवर नीतीश कुमार के प्रति नरम नहीं हुए। दो दिन पहले ही सुधाकर सिंह ने चौथे कृषि रोड मैप को लेकर कहा कि अखबारों के जरीए यह जानकारी मिली कि 18 अक्टूबर को बिहार का चौथा कृषि रोड मैप सरकार लाने जा रही है। कृषि रोड मैप आने के बाद उसे अध्ययन करेंगे और तब बताएंगे कि उससे बिहार के किसानों को क्या लाभ होने वाला है। किसानों से जुड़ी समस्या को लेकर जो मांगे थीं वह चौथे कृषि रोड मैप में शामिल है या नहीं, इसको भी देखेंगे।
सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार सरकार जब दूसरा कृषि रोड मैप लाई थी उस वक्त कहा गया था कि बिहार में मंडी कानून लाया जाएगा लेकिन सरकार अब चौथा कृषि रोड मैप लाने जा रही है लेकिन आजतक मंडी कानून लागू नहीं हो सका। बिहार में धान, गेंहू और मक्का की खरीद नहीं हो पा रही है। बिहार में जमीन के उपयोग को लेकर सरकार से अपेक्षा थी कि वह इसको लेकर नीति लाएगी लेकिन आजतक जमीन के उपयोग को लेकर नीति सरकार नहीं बना सकी।