क्यों नहीं होगी CHO में जनरल की भर्ती? समझिए बिहार में स्वास्थ्य विभाग की बहाली का पूरा मामला
बिहार में सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 4500 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पदों पर बहाली के लिए नोटिफिकेशन निकाला है जिसमें अनारक्षित वर्ग के लिए पदों की संख्या जीरो है।
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) पर सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) के 4500 पदों पर बहाली के लिए भर्ती की अधिसूचना निकाली है। बीएससी नर्सिंग पास पुरुष और महिला कैंडिडेट 1 अप्रैल से इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। अप्लाई करने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल रखी गई है। स्वास्थ्य मंत्री सम्राट चौधरी ने इस भर्ती को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके लिखा है- एनडीए सरकार में रोजगार और नौकरी की गारंटी। भर्ती में 3566 पुरुष और 934 महिला के पदों के लिए बहाली निकली है।
लेकिन अखबार में छपे भर्ती विज्ञापन में जनरल वर्ग यानी अनारक्षित सीटों की संख्या जीरो दिखाने को लेकर सोशल मीडिया पर काफी टीका-टिप्पणी हो रही है। मशूहर निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने इस विज्ञापन को ट्वीट करते हुए लिखा है कि आरक्षण की राजनीति समाज और शिक्षा की गुणवत्ता को बर्बाद कर रही है। लेकिन विज्ञापन में सामान्य वर्ग के पदों की संख्या जीरो लिखने पर जो बहस हो रही है वो असल में अन्यथा भ्रम पैदा हो जाने से हुआ है। सच्चाई यह है कि पहले से अनारक्षित कोटि की सीट भरी हुई हैं इसलिए इस वर्ग के लिए रिक्ति नहीं आई है। पहले से भरी सीटों को भी काउंट कर रोस्टर के हिसाब से कोटिवार रिक्ति बनती है, इसलिए किसी-किसी कोटि में रिक्ति नहीं है।
बहाली के लिए आए 4500 पदों में अति पिछड़ा (ईबीसी) पुरुष के लिए 1345 और अति पिछड़ा महिला के लिए 331 पद निकले हैं। पिछड़ी जाति के पुरुषों के लिए 702 और महिलाओं के लिए 259 पद आए हैं। अनुसूचित जाति (एससी) के पुरुषों के लिए 1279 और औरतों के लिए 230 रिक्ति निकली है। अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के पुरुष के लिए 95 और महिलाओं के लिए 36 पद आए हैं। आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के पुरुषों के लिए 145 और महिलाओं के लिए 78 पदों पर बहाली निकली है।