पटना में गंगा घाट पर छात्रों को पढ़ाने वाले कौन हैं अरुण सर, BPSC की परीक्षा में 15 छात्रों ने पाई सफलता
BPSC 67वीं परीक्षा का रिजल्ट जारी होते ही पटना में एक नाम काफी मशहूर हो गया, वो नाम है अरुण सर। BPSC की परीक्षा में अरुण सर की क्लास के 15 छात्र सफल हुए। ये कक्षाएं गंगा घाट पर लगती हैं।
बीपीएससी 67वीं परीक्षा का रिजल्ट जारी होते ही पटना में एक नाम काफी मशहूर हो गया है, और वो नाम है अरुण सर, जिसकी वजह भी बेहद खास है। दरअसल बीपीएससी की परीक्षा का हाल ही में रिजल्ट घोषित हुआ है।जिसमें अरुण सर की फ्री क्लास में पढ़ने वाले 15 छात्रों ने बाजी मारी है, उनकी इस कक्षा से 35 छात्र शामिल हुए थे। जिसमें 15 छात्र सफल घोषित हुए हैं। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर पटना वाले अरुण सर छाए हुए है। खास बात ये है कि अरुण सर छात्रों को प्रकृति की गोद में पढ़ाते हैं। गंगा घाट पर अरुण सर छात्रों की क्लास लेते हैं।
सर्दी हो या गर्मी सिर्फ बारिश के दिनों के छोड़कर हर मौसम में छात्रों की कक्षाएं सुबह सात बजे से गंगा घाट पर लग जाती हैं। यहां आने वाले छात्र यूपीएससी और बीपीएससी की तैयारी करते हैं। अरुण सर के मुताबिक उन्हें इस काम में बहुत रुचि है और बच्चों को पढ़ाने में आनंद मिलता है। यही वजह है कि वो बड़े ध्यान से पढ़ाते हैं। वहीं अन्य कोचिंग सेंटर में जहां एसी क्लासरूम, डिजिटल क्लासेस लगती है। छात्रों से मोटी फीस वसूली जाती है, वहीं अरुण सर की क्लास में पढ़ाई प्रकृति की गोद में होती है। और यहां पढ़ने वाले छात्रों ने आज सफलता के शिखर पर पहुंच गए हैं।
कौन हैं पटना वाले अरुण सर ?
अरुण कुमार सेन्ट्रल विजिलेंस में कमिश्नर रह चुके हैं, और वीआरएस लेने के बाद स्टूडेंट को गंगा किनारे पढ़ा रहे हैं। अरुण कुमार सिंहवाहिनी पंचायत के मुखिया भी हैं। और बिहार में सर्वाधिक वोटों से मुखिया का चुनाव जीता है। गंगा घाट के किनारे हर दिन अखबार से पढ़ाई की शुरुआत करते हैं। और हर खबर को उसकी मेरिट के मुताबिक इकोनॉमी, पॉलिटिक्स, हिस्ट्री से जोड़ते हैं और उसका गहराई से विश्लेषण करते हैं।
छात्रों ने दिया सफलता का श्रेय
सीढ़ियों पर बैठकर पढ़ाई के बाद सफल होने वाले छात्रों ने भी अपनी सफलता का श्रेय अरुण सर को दिया। और कहा कि अरुण सर से बहुत कुछ सीखने को मिला। निस्वार्थ भावना से बच्चों को निशुल्क पढ़ाते हैं और आज इनका बड़ा सहयोग रहा है। प्रिलिम्स के बाद मेंस क्लियर होना बाकी है। जो छात्र इस बार सफल नहीं हुए हैं, उनका भी अंतर बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन वो सर के साथ जुड़े रहें, उन्हे भी सफलता जरुर मिलेगी।