बिहार के मजदूरों पर हमले के वीडियो फर्जी और शरारतपूर्ण: तमिलनाडु पुलिस
बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में एसटीएफ की डीआईजी किम ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस के अनुसार, इस मामले की सूचना मिलते ही तुरंत संज्ञान लिया गया।
तमिलनाडु में हिन्दी भाषी राज्यों खासकर बिहार के लोगों पर स्थानीय लोगों के हमले का वहां के डीजीपी शैलेंद्र बाबू ने खंडन किया है। इधर, बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में एसटीएफ की डीआईजी किम ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस के अनुसार, इस मामले की सूचना मिलते ही तुरंत संज्ञान लिया गया। इससे पहले गुरुवार की सुबह बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने तमिलनाडु के डीजीपी से फोन पर बात कर पूरी स्थिति पर चर्चा की थी।
तमिलनाडु के डीजीपी ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश पोस्ट कर कहा है कि किसी ने बिहार में दो वीडियो पोस्ट किया है कि तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर स्थानीय लोगों ने हमला किया है। यह दोनों वीडियो पूरी तरह फर्जी और शरारतपूर्ण हैं। असल में यह दोनों वीडियो पिछले दिनों त्रिपुर व कोयम्बटूर में हुई घटनाओं के हैं। इनमें एक जगह प्रवासी मजदूरों के दो गुटों के बीच ही भिड़ंत हुई थी। वहीं दूसरी जगह तमिलनाडु के स्थानीय लोगों के बीच हिंसक घटना हुई थी। यह कहना एकदम गलत है कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले हुए हैं।
सीएम ने बिहारी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि तमिलनाडु की घटनाओं से संबंधित खबरें सुबह अखबार में पढ़ने के बाद राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी आरएस भट्टी से बात की। दोनों आलाधिकारियों को तमिलनाडु के पदाधिकारियों से बातकर वहां बिहारी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चत करने का निर्देश दिया। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि ‘मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार समेत दूसरे हिंदीभाषी राज्यों के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है। मैंने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को तमिलनाडु के अधिकारियों से बात कर, वहां रह रहे बिहारी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चत करने का निर्देश दिया है।