Hindi Newsबिहार न्यूज़Tibetan spiritual leader Dalai Lama arrived in Bodh Gaya devotees shed tears after seeing the spiritual leader

बोधगया पहुंचे तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा, धर्मगुरु के दर्शन पाकर श्रद्धालुओं के छलके आंसू

बोधगया पहुंचे तिब्बतियों के आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा के दर्शन के लिए सड़कों पर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी रही। सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। 20 जनवरी तक बोधगया प्रवास पर रहेंगे।

Sandeep मनोज कुमार, बोधगयाThu, 22 Dec 2022 06:57 AM
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तिब्बतियों के आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा गुरुवार को बोधगया पहुंचे, जहां उनका परंपरागत तरीके से भव्य स्वागत किया गया। 10: 15 बजे विशेष फ्लाइट से गया एयरपोर्ट उतरे। वहां जिला प्रशासन की ओर से डीएम डॉ एसएम त्यागराजन और एसएसपी हरप्रीत कौर ने गया एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा घेरे में प्रवास स्थल तिब्बत मोनास्ट्री पहुंचे। धर्मगुरु के स्वागत में श्रद्धालु घंटों से कतारबद्ध खड़े रहे। दलाई लामा को देखते ही उनकी आंखें नम हो गईं। आंखों में अपने धर्मगुरु का इंतजार लिये सुबह से ही श्रद्धालु लाइन में खड़े होकर अपने धर्मगुरु का इंतजार करते रहे थे। श्रद्धालुओं ने अपने हाथों में खादा और फूल लेकर धर्मगुरु की आगवानी की। दलाई लामा ने हाथ हिलाकर सड़क किनारे खड़े श्रद्धालुओं का अभिवादन किया। उनकी गाड़ी सीधे तिब्बत मोनेस्ट्री के अंदर चली गई। सुरक्षा कारणों से यहां किसी को जाने की इजाजत नहीं है। 

धर्मगुरु के एक झलक पाकर धन्य हुए श्रद्धालु
धर्मगुरु दलाई लामा के बोधगया आगमन को लेकर बौद्ध श्रद्धालुओं में उत्साह और उमंग देखने को मिला। धर्मगुरु के साक्षात दर्शन और एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु आतुर रहे। कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को बोधगया में देखने को मिला। जब तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा बोधगया पहुंचे। सड़क किनारे सुबह 8 बजे से कतारबद्ध होकर दलाई लामा के आने का इंतजार करने लगे। बौद्ध श्रद्धालुओं की नजर जब धर्मगुरु पर पड़ी तो उनकी आंखें छलक गई। कइयों की आंखों से आंसू निकल आए। धर्मगुरु की झलक पाकर वे अपने को धन्य मान रहे थे। सभी की इच्छा थी धर्मगुरु का एक बार स्पर्श कर ले। लेकिन यह सौभाग्य उन्हें नहीं मिल सका।

सुबह साढ़े दस बजे गया एयरपोर्ट पर दलाई लामा की स्पेशल फ्लाइट उतरी। एयरपोर्ट पर जिला प्रशासन के लोगों और बौद्ध लामाओं ने उनकी आगवानी की। वहां से उनका काफिला तिब्बत मोनास्ट्री पहुंचा। जैसे ही दलाई लामा पर श्रद्धालुओं की नजर पड़ी। कतारबद्ध रहे श्रद्धालु अपना सिर श्रद्धा से झुका लिया। श्रद्धालु हाथों में लिये खादा (शांति व श्रद्धा का प्रतीक रेशमी वस्त्र) को लहराने लगे। श्रद्धालु सुबह से ही तिब्बत मंदिर के समीप से कतारबद्ध होने लगे। धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की कतार थाई मंदिर तक जा पहुंची। श्रद्धालुओं का अभिवादन धर्मगुरु ने कार के अंदर से मुस्कराते चेहरे के साथ हाथ हिला कर स्वीकार किया।

अभेद्य सुरक्षा में तब्दील हुआ बोधगया
दलाईलामा के आवासन स्थल तिब्बत मंदिर की सुरक्षा की कमान एटीएस और अर्द्धसैनिक बल ने संभाल रखी है। इसके अलावा दलाई लामा के निजी सुरक्षाकर्मी प्रवेश द्वार से लेकर आवासन स्थल में चारों ओर तैनात हैं। तय कार्यक्रम के तहत वो बोधगया में 20 जनवरी तक प्रवास करेगें। बोधगया प्रवास के दौरान दलाईलामा कालचक्र मैदान में 29 से 31 दिसंबर तक कालचक्र मैदान में विशेष टीचिंग सत्र की अगुवाई करेंगे। प्रवचन देंगे। जिसमें देश विदेश के लगभग 50 हजार से ज्यादा बौद्ध श्रद्धालु शामिल होगें। इस दौरान शुक्रवार को वो महाबोधि मंदिर में जाकर भगवान बुद्ध को नमन करेंगे और 27 दिसंबर को वटपा थाई मंदिर में आयोजित सेमिनार में हिस्सा लेंगे।

बोधगया में 20 जनवरी तक प्रवास करेंगे
बोधगया में दलाई लामा के आगमन को देखते हुए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। दलाई लामा के प्रवास स्थल को उनकी सुरक्षाकर्मियों और एटीएस के जवानों ने अपने सुरक्षा के घेरे में ले लिया है। दलाई लामा के प्रवास स्थल, पूजा स्थल और महाबोधि मंदिर के एरिया को सर्विलांस पर रखा गया है। तय कार्यक्रम के तहत दलाई लामा बोधगया में 20 जनवरी तक प्रवास करेगें। बोधगया प्रवास के दौरान दलाईलामा कालचक्र मैदान में 29 से 31 दिसंबर तक कालचक्र मैदान में प्रवर्तन चक्र के चार आर्य और नागार्जुन के बोधिचित्त विवरण पर विशेष प्रवचन देंगे। 31 दिसंबर को ही श्रद्धालुओं के बीच 21 ताराओं का आशीर्वाद प्रदान करेंगे। एक जनवरी को दलाई लामा की लंबी आयु व बेहतर स्वास्थ्य को लेकर विशेश प्रार्थना होगी। जिसमें देश विदेश के लगभग 50 हजार से ज्यादा बौद्ध श्रद्धालु शामिल होंगे।

तिब्बत के 14वें आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा
दुनिया के शांतिदूतों में शुमार हैं दलाई लामा दलाई लामा तिब्बत के 14 वें आध्यात्मिक धर्मगुरु हैं। दलाई लामा के विचार आध्यात्म और सकारात्मकता से सम्बंधित हैं। इनका नाम दुनिया के शांतिदूतों में शुमार है। शांति और अहिंसा के संदेश को जीवंत करने दया, करुणा व ज्ञान के महासागर तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु गुरुवार बोधगया पधार रहे हैं।

47 देशों के श्रद्धालु एक साथ सुनेंगे प्रवचन
भारत में जन्में बौद्ध धर्म ने अपने शुरुआती दौर से ही सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। बौद्ध धर्म को लोग ज्यादा से ज्यादा जानना और समझना चाहते हैं और इसको समझने के लिए वो बोधगया जरूर आना चाहते है। कारण बोधगया बौद्ध धर्म अनुयायियों का प्रमुख तीर्थस्थल है। स्थान के रूप में बोधगया अपनी महत्ता रखती है, जो शांति और सौम्यता से ओत-प्रोत है। ऐसे में जब परम पावन दलाई लामा प्रवचन दे रहे हो, तो इसकी महत्ता और बढ़ जाती है। शांति, अहिंसा और हर सचेतन प्राणी की खुशी के लिए काम करना परम पावन दलाई लामा के जीवन का बुनियादी सिद्धान्त है। बोधगया में वे 29 दिसंबर से अपने अनुयायियों को प्रवचन देंगे। प्रवचन सुनने के लिए 47 देश के करीब 15 हजार लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर चुके है। इस सत्र में 50 हजार से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद है।

20 से ज्यादा भाषाओं में प्रवचन होगा प्रसारित
बोधगया में तिब्बतियों के शीर्ष धर्मगुरु दलाई लामा की अगुवाई में होने वाली शैक्षणिक सत्र के दौरान उनके प्रवचन को हिन्दी और अंग्रेजी समेत बीस से ज्यादा भाषाओं में एफएम रेडियो पर सुनाया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दलाई लामा का प्रवचन इंडोनेशियन, जर्मन, रसियन, स्पेनिश, मोलिस, कोरियन, फ्रांसीसी, चीनी, वियतनामी, हंगरी, नेपाली, लद्दाखी, जपानी, मंगोलियन, तिब्बतियन व थाई भाषा में सुनाया जाएगा

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