सड़क पर कचरा फेंकने वाले सावधान, पकड़े गएं तो रेड लिस्ट में होंगे शामिल; मुकदमा भी चलेगा
पटना की सड़कों पर गंदगी फैलाते पकड़े जाने पर अभी तक 500 रुपये जुर्माना वसूला जाता था। अब सिर्फ जुर्माना ही नहीं वसूला जाएगा बल्कि ऐसे लोगों को लाल सूची में डाला जाएगा। मुकदमा भी चलेगा।
राजधानी पटना में सड़क पर गंदगी फैलाने वाले सड़क शत्रुओं के लिए नगर निगम ने एक और कठोर कदम उठाया है। पकड़े जाने पर अभी तक 500 रुपये जुर्माना वसूला जाता था। अब सिर्फ जुर्माना ही नहीं वसूला जाएगा बल्कि ऐसे लोगों को लाल सूची में डाला जाएगा। ऐसे लोगों पर सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाई के लिए उनकी सूची अनुमंडल दंडाधिकारी के न्यायालय को भेजी जाएगी। वहां बांड भरवाया जाएगा और जरूरत पड़ी तो लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत मुकदमा भी दर्ज होगा।
वर्तमान समय में नगर निगम कर्मियों एवं स्मार्ट सिटी के तहत लगाए गए कैमरों से सड़क शत्रुओं की पहचान कर उनसे जुर्माना वसूला जा रहा है। अब इनकी एक सूची भी तैयार होगी। इसके बाद सूची अनुमंडल दंडाधिकारी के पास भेजी जाएगी। सूची में शामिल सड़क शत्रुओं पर सीआरपीसी की धारा 133 के तहत शहर को गंदा करने के मामले में कार्रवाई होगी। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने नगर निगम के सभी अंचल को इस संबंध में कार्रवाई के लिए निर्देश जारी कर दिया है। इस पर सख्ती से काम होगा।
प्रत्येक दिन 1500 सड़क शत्रु चिह्नित होंगे
निगम क्षेत्र में 75 वार्ड हैं। प्रत्येक वार्ड से रोजाना कम से कम 20 सड़क शत्रुओं को चिह्नित करने का जिम्मा नगर प्रबंधक और ईओ दिया गया है। इस तरह पूरे निगम क्षेत्र से 1500 सड़क शत्रुओं की पहचान करेगा और उनकी सूची बनाई जाएगी। जो गंदगी फैलाते पकड़े जाएंगे उनकी तस्वीर भी पटना स्मार्ट सिटी की एलईडी स्क्रीन पर दिखाई जाएगी।
आयुक्त करेंगे समीक्षा
नगर निगम मुख्यालय की ओर से सभी अंचल को एक विशेष लाल सूची का प्रारूप उपलब्ध करा दिया गया है। इसमें सड़क शत्रु का नाम, पता, वार्ड संख्या और अंचल अंकित करना होगा। इसको अनुमंडल पदाधिकारी के यहां भेजा जाएगा। प्रमुख सड़कों के साथ गलियों में भी सड़क शत्रुओं की पहचान करनी है। इसके लिए प्रत्येक वार्ड में 20 सड़क शत्रु चिह्नित करने का लक्ष्य है। सभी ईओ, नगर प्रबंधक एवं अंचल के अन्य पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। नगर आयुक्त इसकी समीक्षा भी समय-समय पर करेंगे।