Hindi Newsबिहार न्यूज़The incomplete work of Bakhtiyarpur Tajpur will be completed the bank is ready to give the amount the work is going on for 10 years

बख्तियारपुर-ताजपुर पुल का अधूरा काम होगा पूरा, धन देने को बैंक तैयार, 10 वर्षों से चल रहा है काम

बीते 10 वर्षों से बन रहे बख्तियारपुर-ताजपुर पुल के दिन अब बहुरेंगे। पैसे के अभाव में आधी-अधूरी इस परियोजना में बैंक पैसा लगाने पर सहमत हो गया है। इसी महीने बैंकों की ओर से सहमति मिल जाने की संभावना...

Yogesh Yadav पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो, Thu, 9 Sep 2021 11:02 PM
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बीते 10 वर्षों से बन रहे बख्तियारपुर-ताजपुर पुल के दिन अब बहुरेंगे। पैसे के अभाव में आधी-अधूरी इस परियोजना में बैंक पैसा लगाने पर सहमत हो गया है। इसी महीने बैंकों की ओर से सहमति मिल जाने की संभावना है। इसके बाद इस परियोजना पर फिर से काम शुरू हो जाएगा। अभी इस पुल का आधा काम भी पूरा नहीं हुआ है। 

गंगा नदी पर बन रहे बख्तियारपुर- ताजपुर पुल का निर्माण कार्य जून 2011 में शुरू हुआ था। पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल के तहत शुरू इस परियोजना को साल 2016 में ही पूरा कर लेना था। लेकिन पहले जमीन अधिग्रहण और फिर एजेंसी की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण परियोजना तय समय पर पूरी नहीं हो सकी। 

पटना के बख्तियारपुर और समस्तीपुर के ताजपुर को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर चार लेन पुल को बनाने में एजेंसी ने पैसे की किल्लत का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिये। तब एजेंसी को बिहार राज्य पथ विकास निगम और बैंकों की ओर से बर्खास्त कर दिया गया। लेकिन बाद में सरकार के स्तर पर हुई शीर्ष बैठक में यह उभरकर आया कि इस योजना में 47 फीसदी काम पूरा हो चुका है। 272 पिलरों का काम पूरा हो चुका है। 1600 करोड़ की इस परियोजना में एजेंसी को बैंकों की ओर से 400 करोड़ से अधिक मिल चुके हैं। ऐसे में किसी और एजेंसी से इस परियेाजना को पूरा कराने के लिए ठेका दिया जाए तो काम में देरी होगी और राशि भी अतिरिक्त खर्च करनी पड़ेगी। 

पुल के महत्व को देखते हुए पिछले दिनों विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि बैंक एक बार फिर से परियोजना की समीक्षा करे। इसके पहले भी बिहार सरकार के हस्तक्षेप पर ही बैंकों ने निर्माण एजेंसी को कर्ज दिया था। अब एक बार फिर बैंकों ने सरकार के समक्ष सहमति दे दी है कि वह इस परियोजना में पैसा लगाने को तैयार है। लेकिन पुल बनने के बाद टोल प्लाजा से होने वाली आय में बैंक अपने कर्ज की वसूली करेगा। टोल प्लाजा से पैसे की वसूली के लिए बैंकों ने सरकार से आग्रह किया है कि वह एक बार फिर ट्रैफिक सर्वे कर ले ताकि पता चल सके कि उसे भविष्य में कितनी आमदनी हो सकती है। टोल प्लाजा से होने वाली आमदनी में बैंकों के अलावा राज्य सरकार और एजेंसी को भी उनके खर्च के अनुसार पैसा मिलेगा। पुल के साथ ही दोनों छोर को मिलाकर 46 किमी एप्रोच रोड भी बनाया जाएगा। 

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