हाथ-पांव में लोहे की चैन बांध तालाब में फेंकी लाश, झाड़-फूक के बहाने भाइयों ने मिलकर की हत्या
बिहार के औरंगाबाद में हत्या की गुत्थी सुलझ गई है। यहां दो भाइयों ने अपने ही भाई की हत्या झाड़-फूंक का बहाना बनाकर की थी। उसकी लाश को छिपाने के लिए हाथ-पांव लोहे की चेन से बांधकर फेंक दिया था।
बिहार के औरंगाबाद से हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां दो भाइयों ने ही अपने भाई की गला दबाकर हत्या कर दी थी। मो. कुर्बान अंसारी और उसके भाई इमरान अंसारी ने मो. एहसान को झाड़-फूंक के बहाने इनोवा कार में बैठाया और दूर कहीं ले गए। रास्ते में दोनों ने मार-पिटाई भी करी। इसके बाद हत्या कर लाश को पटना की कैनाल नहर में फेंक दिया गया। छानबीन में पुलिस को हत्या के दौरान प्रयोग होने वाली रस्सी बरामद हुई। इस कारण पुलिस हत्यारों तक पहुंची और मौत की गुत्थी सुलझाई।
पुलिस ने 9 जुलाई को लाश चंदा नहर से बरामद की। जब इसकी छानबीन की तो हत्या में प्रयुक्त रस्सी का आधा हिस्सा अभियुक्त के घर से बरामद हुआ और आधा हिस्सा लाश के पास से मिला। गले में कसी हुई रस्सी का आधा भाग बरामद होने के बाद अभियुक्तों के घर से बरामद रस्सी से मिलान भी किया गया। पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया है। इस छापेमारी में सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय के अलावा जम्होर थानाध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद सहित अन्य कर्मी शामिल थे।
पुलिस ने इस मामले में दो लोगों जम्होर थाना क्षेत्र के धनावं निवासी मो. हक के पुत्र मो. इमरान अंसारी और मो. कुर्बान अंसारी को गिरफ्तार किया है। हत्याकांड में प्रयुक्त एक इनोवा कार और हत्या में प्रयुक्त रस्सी का आधा भाग बरामद हुआ है। औरंगाबाद सदर एसडीपीओ-1 संजय कुमार पांडेय ने रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि जम्होर थाना क्षेत्र में धनगाई स्थित नहर से 9 जुलाई को एक अज्ञात लाश बरामद हुई थी।
उसके हाथ और पैर में लोहे की जंजीर लगी हुई थी तथा उसमें ताला बंधा हुआ था। मृतक के गर्दन में प्लास्टिक की रस्सी कसी हुई थी। प्रारंभिक छानबीन से ही स्पष्ट हो गया कि हत्या कर शव को छुपाने की नीयत से उसे नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करते हुए शव का पोस्टमार्टम कराया गया और उसकी पहचान जम्होर थाना क्षेत्र के धनांव गांव निवासी मो. एहसान अंसारी के रूप में की गई।
एसपी के निर्देश पर सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया जिसमें जिला आसूचना इकाई के कर्मियों को शामिल किया गया। विभिन्न जगहों के सीसीटीवी फुटेज, संभावित घटनास्थल का निरीक्षण तथा तकनीकी साक्ष्य का विश्लेषण करते हुए पुलिस को जानकारी मिली कि मो. एहसान अंसारी की दिमागी हालत पिछले पांच सालों से ठीक नहीं थी।