Hindi Newsबिहार न्यूज़Tejashwi Yadav litmus test ahead Challenge to save RJD Male seats in by elections of 5 assembly constituencies

आगे तेजस्वी यादव की अग्निपरीक्षा; 5 विधानसभा क्षेत्रों के उप-चुनाव में RJD-माले की सीट बचाना चुनौती

बिहार में महागठबंधन को 9 सीटें जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले तेजस्वी के सामने एक और चुनौती है। और वो है 5 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव में आरजेडी-माले की सीटें बचाना

Sandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटनाThu, 13 June 2024 07:21 AM
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लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए और महागठबंधन की टक्कर जोरदार रही है। हालांकि सीटों के नुकसान के बावजूद एनडीए बढ़त बनाने में कामयाब रही। और 30 सीटों पर जीत दर्ज की। जिसमें बीजेपी और जेडीयू के खाते में 12-12, चिराग पासवान की लोजपा आर को 5 और जीतन मांझी की हम को एक सीट मिली। वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन का प्रदर्शन 2019 की तुलना में काफी बेहतर रहा। महज एक सीट जीतने वाले महागठबंधन को 9 सीटों पर जीत हासिल हुई। जिसमें आरजेडी को 4, कांग्रेस को तीन, माले को 2 सीटें मिली । वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पप्पू यादव पूर्णिया की सीट जीतने में सफल रहे। 

महागठबंधन के लिए तेजस्वी यादव ने तूफानी अंदाज में चुनाव प्रचार किया। अलायंस के सभी प्रत्याशियों के लिए तेजस्वी ने सबसे ज्यादा रैलियां और जनसभाएं की। जहां राहुल गांधी ने पूरे बिहार में सिर्फ तीन सभाएं की, तो वहीं तेजस्वी ने 250 से ज्यादा रैलियां की। और अब एक बार फिर से तेजस्वी की अग्निपरीक्षा होने वाली है। धुंआधार प्रचार और कमर दर्द के बावजूद जिस तरह तेजस्वी ने एनडीए का मुकाबला किया, उसी की बदौलत आरजेडी के खाते में 4 सीटें आई, जिसका 2019 में खाता भी नहीं खुला था। 

लेकिन अब तेजस्वी के सामने एक और अग्निपरीक्षा है। गया, जहानाबाद, आरा और बक्सर से जीते सांसदों को विधायक की कुर्सी छोड़नी है।  इन चार सीटों में 3 सीट महागठबंधन की है। जिसमें दो आरजेडी और एक माले की सीट है। जबकि एनडीए के जीतन मांझी की हम की एक सीट है। राजद के सुधाकर सिंह की रामगढ़, हम के जीतन मांझी की इमामगंज, माले के सुदामा प्रसाद की तरारी, और आरजेडी के सुरेंद्र यादव की जहानाबाद विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। 

वहीं अगले महीने जुलाई में बीमा भारती की रूपौली विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव है। बीमा ने पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव इस सीट से जीतने में सफल हुए थे। बीमा भारती पहले नीतीश की जेडीयू में शामिल थी। लेकिन टिकट न मिलने की संभावनाओं को देखते हुए आरजेडी में शामिल हो गई थीं। इसके अलावा तिरहुत स्नातक विधान परिषद सीट पर भी उपचुनाव होगा। जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर सीतामढ़ी से सांसद बने हैं।

ऐसे में आने वाले वक्त में होने वाले उपचुनाव में एक बार फिर से महागठबंधन की लड़ाई तेजस्वी यादव लड़ते दिखेंगे। तो वहीं एनडीए की ओर से मोदी, नीतीश मैदान में होंगे। ऐसे में एनडीए के पास उपचुनाव में जीत हासिल कर विधानसभा में संख्या बल बढ़ाने का एक मौका है। तेजस्वी के सामने अपनी सीटें बचाने के अलावा एनडीए की विधानसभा सीटों में सेंधमरी की चुनौती भी है।

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