शिक्षक बहाली के प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए टीचर्स की ड्यूटी लगी, बीपीएससी पर भड़का शिक्षा विभाग
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद बीपीएससी के सचिव को पत्र लिखकर कहा कि कर्मचारियों की प्रमाण पत्र सत्यापन में ड्यूटी लगाना नियमों के विपरीत है। इसलिए उन्हें तुरंत कार्यमुक्त किया जाए।
बिहार में शिक्षकों के 1.70 लाख पदों पर हो रही बहाली में प्रमाण पत्र सत्यापन कार्य चल रहा है। इसमें शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ ही शिक्षकों की भी ड्यूटी लगा दी गई है। शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से इस पर आपत्ति जताई है। विभाग ने बीपीएससी कहा है कि वह शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र के सत्यापन कार्य से शिक्षा अधिकारियों, कर्मचारियों और टीचरों को मुक्त करे। विभाग ने मंगलवार को आयोग के सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि सभी जिलों में शिविर आयोजित कर आवेदको के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया जा रहा है, इस कार्य में शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारी, कर्मियों यहां तक कि कुछ जिलों में शिक्षकों की भी ड्यूटी लगा दी गई है। यह किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है और ना ही यह शिक्षा हित में है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सभी जिलों में शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मियों को नियमावली 2023 के नियम के विपरीत प्रमाण पत्रों के सत्यापन में लगाए जाने की स्थिति को देखते हुए अविलंब इस कार्य से उन्हें मुक्त किया जाए। कार्य मुक्त की कार्रवाई के बाद इसकी सूचना विभाग को दी जाए।