सुधाकर सिंह की दिमागी हालत ठीक नहीं, आरजेडी विधायक पर बरसे जीतन राम मांझी; नीतीश को भी घेरा
जीतन राम मांझी ने कहा है कि कहा है कि जनतंत्र में अलोकतांत्रिक व्यवहार नहीं होना चाहिए। लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना अधिकार है। मांझी ने कहा कि सुधाकर सिंह की दिमागी हालत ठीक नहीं है।
आरजेडी विधायक व पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर सियासी घमासान मच गया है। बिहार के पूर्व सीएम व हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा है कि कहा है कि जनतंत्र में अलोकतांत्रिक व्यवहार नहीं होना चाहिए। लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना अधिकार है। मांझी ने कहा कि सुधाकर सिंह की दिमागी हालत ठीक नहीं है। गया में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान मांझी ने ये बातें कहीं। पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि हमें भी मालूम है कि नीतीश कुमार के राज में पदाधिकारी बेलगाम हो गए हैं। बता दें कि रविवार को सुधाकर सिंह ने कहा था कि यदि कोई कलेक्टर आपके पास आए तो उसके मुंह पर थूक दो, उसे फटे जूतों की माला पहना दो।
मांझी ने आगे कहा कि जब हम साथ में थे तो कहा करते थे कि यहां पदाधिकारी मंत्री या विधायक की बातों को नहीं सुनते हैं। सिर्फ आपकी (नीतीश कुमार) बातों को सुनते हैं। यही कारण है कि भ्रष्टाचार और घूसखोरी बढ़ी है। लोग असहाय महसूस कर रहे हैं। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि किसी के मुंह पर थूक दो, जूता का माला पहना दो।
जातीय गणना के आंकड़ों को लेकर जीतन राम मांझी ने कहा कि हिंदुस्तान की शैक्षणिक स्थिति 80% है। एससी जाति में 28 से 30 प्रतिशत ही शिक्षित हैं। गरीबों की जनसंख्या को कम आंका गया है। एससी को दो भागों में बांटा गया है। 1931 में जिसकी आबादी 5 से 8 प्रतिशत हो गई, लेकिन एससी जाति में पहले 3 प्रतिशत था आज भी 3 प्रतिशत ही है जबकि यह रिपोर्ट है कि अमीरों की तुलना में गरीबों की जनसख्या ज्यादा बढ़ती है। एससी जाति में दुगुना या तीन गुना बढ़ोतरी होनी चाहिए थी।