सिपाही भर्ती परीक्षा से पहले बिहार में सॉल्वर गैंग एक्टिव, 7 लाख में डील कर रहे 4 मेंबर गिरफ्तार, 10 वॉकी-टॉकी, 32 ब्लूटूथ जब्त
सिपाही भर्ती परीक्षा से पहले बिहार में सॉल्वर गैं एक्टिव हो गया है। समस्तीपुर पुलिस ने गैंग के 4 मेंबर को गिरफ्तार किया है। जो 7 लाख में डील कर रहे थे। पुलिस ने भारी मात्रा में वॉकी-टॉकी बरामद किए हैं
समस्तीपुर में सिपाही भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले सॉल्वर गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने दबोचने में सफलता हासिल की है। छापेमार दल ने जालसाजों के पास से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाईस भी बरामद किया है। इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने में जुटी हुई है। इस संबंध में पुलिस कार्यालय में शनिवार को प्रेस वार्ता में समस्तीपुर के प्रभारी एसपी व दरभंगा के सिटी एसपी सागर कुमार ने बताया कि केंद्रीय चयन पार्षद के तत्वावधान में एक, सात व 15 अक्टूबर को सिपाही भर्ती की परीक्षा होने वाली है। इसको लेकर बहाल कराने का झांसा देकर जालसाज गिराह के सदस्य समस्तीपुर में अभ्यर्थियों से उगाही कर डिवाइस दे रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर रोसड़ा डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित कर छापेमारी की गयी।
चार बदमाशों को किया गया गिरफ्तार
प्रभारी एसपी ने बताया कि छापेमारी के दौरान रोसड़ा व विभूतिपुर थाना क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों में सघन छापेमारी करते हुए चार आरोपियों को पकड़ा गया। जिसमें उजियारपुर थाना क्षेात्र के मालती के संतोष कुमार उर्फ गुड्डू, कर्पूरीग्राम थाना के कोनवाजितपुर के मनीष कुमार उर्फ संतोष, दलसिंहसराय थाना के कमरांव के अंकित कुमार एवं रोसड़ा थाना के महरौल के गौतम कुमार शामिल है। इनके पास से दस वॉकी टॉकी, दस पीस वॉकी टॉकी चार्जर, 20 पीस एंटीना, 32 पीस ब्लूटूथ मक्खी एयरफोन, 11 पीस रिसिवर डिवाईस, विभिन्न छात्रों का एडमिट कार्ड एवं शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की मूल प्रति, ब्लूटूथ इयरफोन लगा हुआ तीन गंजी, विभिन्न लोगों का हस्ताक्षर किया गया सात ब्लैंक चेक, चार पेन ड्राइव, चार मोबाइल बरामद किया गया है।
7 लाख रुपए में हुई थी डील
प्रभारी एसपी ने कहा कि पूछताछ में चारों आरोपियों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए बताया है कि परीक्षा से पूर्व ये लोग अभ्यर्थियों को सिस्टम उपलब्ध कराने के एवज में उनके मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र एवं अंतिम चयन के उपरांत पांच से सात लाख रुपए मिलना था। उसके बाद इन लोगों द्वारा उन अभ्यर्थियों को गारंटी के तौर पर लिए गए मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र को लौटाया जाना था। पूछताछ के दौरान इन लोगों से इस फर्जीवाड़ा गिरोह के अन्य लोगों की संलिप्तताा का भी पुख्ता साक्ष्य मिले हैं, जिनके बैकवार्ड एवं फारवार्ड लिंकेज का पता कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।