इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश हत्याकांड का राज जानने के लिए करीबियों पर शिकंजा
बिहार की राजधानी पटना में इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के पीछे जुड़ी कड़ियों को जोड़ने के लिए पटना पुलिस बेचैन है। हत्या के पीछे टेंडर व पैसे के लेनदेन का विवाद, पुरानी...
बिहार की राजधानी पटना में इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के पीछे जुड़ी कड़ियों को जोड़ने के लिए पटना पुलिस बेचैन है। हत्या के पीछे टेंडर व पैसे के लेनदेन का विवाद, पुरानी रंजिश व बढ़ती लोकप्रियता रही है या कोई और गहरी साजिश। यह जानने के लिए पुलिस उन खास करीबियों पर अंदरखाने शिकंजा कसने की कोशिश में है, जो इंडिगो मैनेजर के गुडबुक में रहे हैं।
इसमें कुछ सफेदपोश, कारोबारी, ठेकेदार व कुछ बड़े अफसर शामिल बताये जा रहे हैं। इसके पीछे पुलिस का मकसद हत्या के पीछे रहे कारणों का पता लगाना है। इनके जरिये पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि हत्या के लिए कांट्रैक्ट किलरों से किसने सौदा तय किया।
पुलिस की 6 टीमों को सौंपा गया जिम्मा
दरअसल, इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की हत्या से हर कोई हिल उठा है। सीएम के अल्टीमेटम से पुलिस अफसरों की नींद उड़ी हुई है। एसआईटी, सीआईडी, एसटीएफ के साथ पुलिस की करीब 40 टीमें फरार शूटरों को धर-दबोचने तथा हत्याकांड के कारणों की जांच में जुटी हैं। डीजीपी, एडीजी, आईजी, एसएसपी जहां इस मामले की मॉनिटिरंग कर रहे हैं। वहीं एसपी रूरल से लेकर डीएसपी तक पुलिस की अलग-अलग टीमों का नेतृत्व कर रहे हैं। इंडिगो मैनेजर के खास रहे लोगों की अलग-अलग सूची तैयार कर पुलिस की 6 टीमें अंदरखाने उन लोगों से उन बातों को जानने में जुटी हैं, जिससे हत्या की वजह और साजिशकर्ता का सुराग मिल सके। सूत्रों की मानें तो जांच में पुलिस को कुछ लिंक मिला है, जिसके जरिये डीजीपी ने माना है कि कांट्रैक्ट किलरों ने ही हत्या की। यही वजह है कि पुलिस अब उस चेहरे को बेनकाब करना चाह रही है जिसने हत्या की गहरी साजिश रची और शूटरों को हॉयर किया।
120 घंटे बीते, जांच और छापेमारी जारी
इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर की हत्या हुए रविवार को पांच दिन बीत गये। यानी 120 घंटे से अधिक का वक्त गुजर जाने के बावजूद पुलिस जांच का जुमला दोहराने तथा अलग-अलग जगहों पर छापेमारी करने तक ही सीमित है। शक के आधार पर शनिवार को राजाबाजार और पुनाईचक से जिन नौ संदिग्धों को उठाया गया था, रविवार की देर शाम तक वह पुलिस के शिकंजे में थे।
हर दिन नई-नई कड़ियां जुड़ने से जांच में उलझी पुलिस
इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रूपेश सिंह के मर्डर की मिस्ट्री सुलझाना राजधानी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। हर दिन नई-नई कड़ियां सामने आने से पुलिस जांच के दल-दल में उलझती जा रही है, जिसके चलते यह हत्याकांड पुलिस के लिए अबूझ पहेली बन गई है। यही वजह है अबतक न तो वारदात में शामिल फरार शूटर पकड़े गए हैं और न ही लाइनर। जबकि घटना के बाद पुलिस करीब 150 से अधिक संदिग्धों व एक सरकारी विभाग के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों से गहन पूछताछ कर सकती है। शनिवार को हिरासत में लिये गये 9 संदिग्धों में से दो से अब भी पूछताछ की जा रही है।
कुछ बोलने से बच रहे अधिकारी
हत्याकांड के मामले में आईजी रेंज से लेकर एसएसपी तक कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। इस चर्चित हत्याकांड का पर्दाफाश कब तक होगा, वजह क्या रही है, पुलिस के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है।
100 से अधिक नंबर रडार पर
सूत्रों की मानें तो घटना के वक्त इलाके में एक्टिव रहे 100 से अधिक मोबाइल नंबर पुलिस के रडार पर हैं। इन नंबरों को ट्रैस कर पुलिस यह जानने के प्रयास में है कि संबंधित नंबर किसके हैं। पुलिस मान रही है कि लाइनर जरूर शूटरों के संपर्क में रहा होगा। सटीक मुखबिरी करने के लिए शूटर मैसेज, वीडियो कॉल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यही वजह है कि सर्विलांस से भी अबतक पुलिस की पकड़ में शूटर व लाइनर नहीं आ सके हैं।
बेऊर जेल में बंद कई कुख्यातों से पूछताछ
इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड के मामले में रविवार को पुलिस ने बेऊर जेल में बंद कई कुख्यातों से भी पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो जिन कुख्यातों से पूछताछ की गई उनमें, कई हार्ड कोर अपराधी शामिल हैं। पुलिस ने उनके गिरोह से जुड़े गुर्गो के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद लौट आई। हालांकि जेल अधीक्षक सत्येंद्र सिंह ने इसकी पुष्टि नहीं की है।