पटना पुलिस लाइन बवाल मामले की जांच करेगी एसआईटी, SSP करेंगे लीड
पुलिस लाइन बवाल मामले की जांच एसआईटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ) करेगी। जोनल आईजी नैयर हसनैन खान ने सोमवार की सुबह बवाल और उसके बाद हुई एफआईआर की जांच करने के लिये एसआईटी का गठन कर दिया। इसका नेतृत्व...
पुलिस लाइन बवाल मामले की जांच एसआईटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ) करेगी। जोनल आईजी नैयर हसनैन खान ने सोमवार की सुबह बवाल और उसके बाद हुई एफआईआर की जांच करने के लिये एसआईटी का गठन कर दिया। इसका नेतृत्व पटना एसएसपी मनु महाराज करेंगे। जबकि एसआईटी में कोतवाली डीएसपी राकेश कुमार, सदर एएसपी सुशांत कुमार सरोज, सिटी एसपी सेंट्रल अमरकेश डी, महिला थानाध्यक्ष रवि रंजना, कोतवाली थानेदार रामशंकर सिंह, बुद्धा कॉलोनी थानेदार मनोज मोहन, दारोगा रंजीत कुमार और दारोगा मनीष कुमार को शामिल किया गया है।
एसआईटी में शामिल पुलिसवालों को जल्द से जल्द उपद्रवियों पर कार्रवाई करने के निर्देश जोनल आईजी ने दिये हैं। इसके अलावा उन्होंने वैसे उपद्रवियों का पता लगाने को कहा है जिन पर नामजद एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
समय-समय पर कार्रवाई की जानकारी देंगे एसएसपी
पुलिस कप्तान मनु महाराज समय-समय पर एसआईटी की कार्रवाई की जानकारी जोनल आईजी को देंगे। आईजी ने सेंट्रल रेंज डीआईजी राजेश कुमार को भी अपने स्तर से कार्रवाई पर नजर रखने को कहा है। गौरतलब है कि पहले ही बवाल मामले में छह महीने के भीतर चार्जशीट करने और आरोपियों को जेल भेजने के निर्देश दिये गये हैं।
अफसरों ने की है लाइन की अनदेखी
सूत्रों की मानें तो जोनल आईजी की रिपोर्ट में कुछ पुलिस अफसरों पर भी सवाल उठाये गये हैं जिन पर जवानों ने हमले किये थे। पटना पुलिस के कुछ अफसरों को पुलिस लाइन के बारे में जानकारी ही नहीं थी। वे यदा-कदा ही लाइन की ओर अपना रुख करते थे। लिहाजा कई जवान उन्हें पहचानते भी नहीं थे। खबर यहां तक है कि पर्व के बाद कुछ बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।
उपद्रवियों को तलाशने घर तक जायेगी पुलिस
पुलिस लाइन में हुये उपद्रव मामले में आरोपी बर्खास्त पुलिसवालों को तलाशने विशेष टीम उनके घर तक जायेगी। पर्व बाद वारंट हाथ लगते ही उपद्रव के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी जायेगी। सूत्रों की मानें तो आला अफसर कानून को हाथ में लेने वाले उपद्रवियों को बख्शने के मूड में नहीं हैं।
साजिश करने वाले पर्दे के पीछे
बवाल की साजिश रचने वाले अब भी पर्दे के पीछे हैं। बर्खास्त हुये उपद्रवी पुलिसवाले भी उनके खिलाफ कुछ बोलने को तैयार नहीं। सिपाही सविता की मौत के बाद एक घंटे के भीतर पुलिस लाइन में भारी बवाल की साजिश रचने वाले कई पुराने पुलिसवाले अब भी पकड़ से दूर हैं।
कब होगा एक दशक से जमे सिपाहियों का तबादला ?
पटना पुलिस महकमे में ऐसे सिपाहियों की तादाद काफी ज्यादा है जो पिछले एक दशक से यहां जमे हैं। साहबों के दफ्तरों में भी ऐसे सिपाही मौज से ड्यूटी कर रहे हैं। फील्ड में काम करने से बचने के लिये कई सिपाहियों ने टेबल की ड्यूटी कर रखी है। वहीं थानों से लेकर क्विक मोबाइल और अन्य जगहों पर भी ऐसे सिपाही तैनात हैं जो वर्षों से पटना में ही ड्यूटी बजा रहे हैं। इसके बावजूद काफी समय से यहां सिपाहियों का तबादला नहीं हुआ।