प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नियम बदले, अब लाभ के लिए जमीन का दाखिल-खारिज अनिवार्य
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ अब उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके नाम से खेत होगा। पुरखों के नाम के खेत में अपने शेयर का निकाले गये भू स्वामित्व प्रमाण पत्र (एलपीसी) से अब काम नहीं चलेगा।...
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ अब उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके नाम से खेत होगा। पुरखों के नाम के खेत में अपने शेयर का निकाले गये भू स्वामित्व प्रमाण पत्र (एलपीसी) से अब काम नहीं चलेगा। योजना का लाभ लेना है तो हर हाल में खेत का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) अपने नाम से कराना होगा।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की पुरानी व्यवस्था में केन्द्र सरकार ने बदलाव कर दिया है। अच्छी बात यह है कि इस बदलाव का असर पुराने लाभुकों पर नहीं पड़ेगा। लेकिन, नया आवेदन करने वाले को अपने नाम की जमीन का प्लॉट नम्बर लिखना होगा। इस बदलाव से लाखों की संख्या में उन किसानों को परेशानी होगी, जो अभी संयुक्त परिवार में रह रहे हैं। ऐसे किसानों की जमीन पुरखों के नाम ही है। बंटवारा हो भी गया है, तो बड़ी संख्या में किसानों ने खेत का नामांतरण नहीं कराया है। खरीदगी जमीन में तो परेशानी कम है, लेकिन जमीन अगर खतियानी है, तो परेशानी ज्यादा होगी।
तीसरी बार केन्द्र सरकार ने बदलाव किया
पीएम किसान सम्मान निधि योजना में यह तीसरी बार बदलाव किया गया। पहले किसानों के आवेदन के आधार पर सीधे उनके खाते में राशि भेज दी जाती थी। उसके बाद केन्द्र सरकार ने खातों को आधार से लिंक करने का प्रवाधान किया। यानी लाभ को आधार आधारित किया गया। साथ ही, आयकर देने वाले किसानों को लाभ से वंचित किया। अब नये किसानों को आवेदन करने से पहले जमीन अपने नाम करानी होगी।
योजना के लाभुकों की संख्या लगभग 60 लाख
राज्य में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभुकों की संख्या लगभग 60 लाख है। लेकिन, राज्य में किसान परिवारों की संख्या एक करोड़ 65 लाख है। यानी, अब भी आधे किसान इस योजना से नहीं जुड़े हैं। अब नई व्यवस्था में उन्हें जुड़ने के लिए म्यूटेशन (दाखिल खारिज) कराना होगा।
हर साल छह हजार रुपये चयनित किसानों को
इस योजना के तहत चयनित किसानों को हर साल छह हजार रुपये उनके खाते में केन्द्र सरकार देती है। यह राशि हर चार महीने पर तीन किस्त में दो-दो हजार करके दी जाती है। पैसा समय पर खुद खाते में चला जाता है। राज्य सरकार केवल किसानों को सत्यापित कर नाम रिकॉर्ड भेजती है।
तीन साल से लागू है योजना
राज्य में किसान सम्मान निधि योजना 1 दिसम्बर, 2018 यानी तीन साल से लागू है। इसका उद्देश्य सभी किसानों के परिवारों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है। उपादानों की खरीद के लिए राशि केंद्र सरकार द्वारा जारी की जाती है। एक किसान के परिवार में पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे को शामिल किया गया है। यानी इन सदस्यों में किसी को एक को योजना का लाभ मिलेगा।
पीएम सम्मान योजना राज्य में
1.65 करोड़ किसान परिवार हैं
60 लाख किसानों को मिलता है लाभ
6000 रुपये मिलते हैं हर साल
03 किस्तों में केन्द्र देता है पैसा