Hindi Newsबिहार न्यूज़Ruckus over Letter of ADG law and order of Bihar Police Headquarters on Migrants Issue Now Attacks and Counter Attack Between Ruling and Opposition Parties

बिहार में प्रवासियों को लेकर जारी लेटर पर बवाल, सत्तापक्ष और विपक्षी दलों में वार-पलटवार

बिहार पुलिस मुख्यालय के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) विधि-व्यवस्था ने दो जून को राज्य के सभी जिलों के डीएम-एसपी को भेजे पत्र को लेकर बिहार के राजनीतिक दलों में घमासान मच गया है। दरअसल एडीजी ने...

Sunil Abhimanyu हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटना। Fri, 5 June 2020 09:33 PM
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बिहार पुलिस मुख्यालय के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) विधि-व्यवस्था ने दो जून को राज्य के सभी जिलों के डीएम-एसपी को भेजे पत्र को लेकर बिहार के राजनीतिक दलों में घमासान मच गया है। दरअसल एडीजी ने बड़ी संख्या में बाहर से आए लोगों को लेकर विधि-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताई थी।

इसके मद्देनजर उन्होंने उन सभी से एहतिहात बरतने के निर्देश दिए थे। खुद एडीजी ने ही चार जून को इस पत्र को वापस भी ले लिया। हालांकि एडीजी का यह पत्र वायरल हुआ तो पांच जून को डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इस पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि किसी सूचना पर यह पत्र जारी हुआ था, जिसे वापस ले लिया गया है। इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस पत्र को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। वहीं सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इस मामले पर राजनीति करने को लेकर विपक्ष पर पलटवार किया है। 

मिली सूचना पर जारी हुआ था पत्र: डीजीपी 
डीजीपी ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पुलिस मुख्यालय को विभिन्न स्रोतों से अलग-अलग तरह की सूचनाएं प्राप्त होती रहती हैं। इसी प्रकार प्रवासियों को लेकर एक सूचना आई थी, जिसे एडीजी ने सभी जिलों में भेज दिया था। बाद में एडीजी को लगा कि यह सूचना नहीं भेजी जानी चाहिए थी, इसलिए उन्होंने इसे वापस भी ले लिया। इस मौके पर एडीजी विधि-व्यवस्था अमित कुमार भी मौजूद थे। गौरतलब हो कि एडीजी ने अपने पत्र में कहा था कि राज्य में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों का आगमन हुआ है, जो अन्य राज्यों में श्रमिक के रूप में कार्यरत थे। इसका प्रतिकूल असर राज्य की विधि-व्यवस्था पर पड़ सकता है। यह समस्या सीमित अथवा व्यापक पैमाने पर हो सकती है। 

सरकार श्रमवीरों को अपराधी समझती है: तेजस्वी 
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पुलिस मुख्यालय से जारी उस पत्र पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें कहा गया है ‘प्रवासी मजदूर परेशानी में हैं। कुछ गलत कर सकते हैं। इससे विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होगी। लिहाजा पुलिस इसकी तैयारी पूरी कर ले।’पार्टी कार्यालय में शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार शायद मजदूरों को अपराधी समझती है। पत्रकारों के यह बताने पर कि मुख्यालय ने इस पत्र को वापस ले लिया है, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे मानसिकता नहीं बदल जाती है। उन्होंने पत्र की प्रति को वहीं फाड़ डाला। साथ ही अपील की कि सात जून को थाली बजाकर इसका विरोध करें। तेजस्वी यादव ने कहा कि एडीजी के पत्र में साफ कहा गया है कि श्रमिकों के आने से अपराध बढ़ सकता है। इसके लिए पुलिस को तैयारी करने के निर्देश दिये गए हैं। सरकार बताए कि श्रमवीर अगर परेशानी में हैं तो इसका जिम्मेवार कौन है।

हम काम कर रहे, विपक्ष सिर्फ आरोप मढ़ रहा : ललन 
लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता व मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि बिहार लौटे हर श्रमिक को उनके कौशल के अनुरूप रोजगार उपलब्ध करायेंगे। उनको वापस नहीं भेजा जाएगा। कहा कि लेकिन विपक्ष सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में सिमटकर रह गया है, जन सरोकार से इसका कोई वास्ता नहीं। हो भी कैसे, लालू-राबड़ी कार्यकाल में ही तो बिहार के विनाश की पटकथा लिखी गई थी।

श्री सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को रांची जाकर अपने पिताजी से पूछना चाहिए कि आखिर हमारे लोग पलायन को मजबूर क्यों हुए थे? आपने अपने शासनकाल में बिहार की कितनी फैक्ट्रियों को बंद करवाया? कहा, तेजस्वी यादव क्वरंटाइन सेंटर का अवलोकन किए बिना खाली फेसबुक पर चिल्ल-पों करते रहते हैं। हम काम कर रहे हैं और विपक्ष सिर्फ आरोप मढ़ रहा है।

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