Hindi Newsबिहार न्यूज़RJD rebel Gulab Yadav set to fight Jhanjharpur seat on BSP ticket raises alarm for VIP Suman Mahaseth JDU Ramprit Mandal

झंझारपुर में तेजस्वी-मुकेश को झटके पर झटका, देवेंद्र ने RJD छोड़ी, गुलाब यादव बसपा से लड़ेंगे

बिहार में मिथिलांचल की सबसे मजेदार चुनावी लड़ाई अब मधुबनी जिले की झंझारपुर लोकसभा सीट पर होने जा रही है जहां एनडीए और महागठबंधन के कैंडिडेट के खिलाफ आरजेडी के बागी गुलाब यादव बसपा से लड़ेंगे।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, पटनाWed, 17 April 2024 09:53 PM
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लोकसभा चुनाव में बड़ी पार्टियों से टिकट मांग रहे बागियों ने बिहार की कई सीटों पर लड़ाई का रोमांच बढ़ा दिया है। झंझारपुर इस समय सबसे हॉट सीट बन गई है। एनडीए की तरफ से लड़ रहे मौजूदा जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल, महागठबंधन की तरफ से उतारे गए वीआईपी के सुमन कुमार महासेठ के आमने-सामने की लड़ाई को तिकोना बनाने के लिए आरजेडी के बागी गुलाब यादव मायावती की बीएसपी का टिकट लेकर आ गए हैं। लालू यादव और तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले आरजेडी-कांग्रेस-लेफ्ट महागठबंधन ने मुकेश सहनी की वीआईपी को अपने पाले में लाने के लिए जो तीन सीटें दी है, उसमें झंझारपुर भी शामिल है। आरजेडी के अंदर इस सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव और पिछली बार लड़कर हारे गुलाब यादव दावेदार थे।

सीट मुकेश सहनी की वीआईपी को और वीआईपी से सुमन कुमार महासेठ को टिकट मिलने के बाद देवेंद्र यादव आरजेडी से इस्तीफा दे चुके हैं। गुलाब यादव पर सबकी नजर थी जो निर्दलीय लड़ने को तैयार बैठे थे लेकिन अब उन्हें मायावती की बसपा का सहारा मिल गया है और वो गुरुवार को नामांकन करने जा रहे है। वीआईपी द्वारा सुमन कुमार महासेठ को टिकट देने का महागठबंधन में काफी विरोध हो रहा है क्योंकि वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं। गुलाब यादव 2019 का चुनाव आरजेडी से लड़े थे लेकिन 3 लाख से भी ज्यादा वोट के अंतर से रामप्रीत मंडल से हार गए थे। देवेंद्र यादव 2019 में 25 हजार वोट के साथ चौथे नंबर पर रहे थे। 2014 में देवेंद्र यादव जेडीयू से लड़कर तीसरे नंबर पर रहे थे।

झंझारपुर सीट के लिए महागठबंधन के कैंडिडेट सुमन महासेठ और बसपा से टिकट ले चुके गुलाब यादव गुरुवार को नामांकन करेंगे। गुलाब यादव को लालू परिवार ने मनाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माने। एक बार विधायक रह चुके गुलाब यादव के बसपा से लड़ने से महागठबंधन को नुकसान पक्का है। गुलाब की पत्नी ने एमएलसी चुनाव में सुमन महासेठ को ही हराया था। गुलाब यादव ने अपनी बेटी को जिला परिषद अध्यक्ष भी बनवा रखा है। महागठबंधन को खतरा ये है कि गुलाब यादव की वजह से झंझारपुर में यादव वोट बिखरा तो पड़ोस की मधुबनी सीट पर बीजेपी के अशोक यादव से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे आरजेडी के अली अशरफ फातमी को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। विश्लेषक कह रहे हैं कि वीआईपी के कैंडिडेट से महागठबंधन की दो सीटें खराब होने का खतरा पैदा हो गया है।

सुमन महासेठ को टिकट मिलने के बाद पहले वीआईपी में बगावत हुई और अब आरजेडी के बड़े-बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। सुमन महासेठ बीजेपी के एमएलसी रहे हैं और 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए के तहत वीआईपी के सिंबल पर चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए। 2023 में महासेठ फिर से भाजपा में शामिल हो गए थे। महागठबंधन में आरजेडी से गुलाब यादव का नाम तय चल रहा था लेकिन आखिरी समय में मुकेश सहनी की वीआईपी झंझारपुर समेत तीन सीट लेकर साथ आ गई।

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