नगर निगम की बैठकों में शामिल नहीं होगे सांसद या विधायक के प्रतिनिधि, जानिए वजह
किसी नगरपालिका की बैठक में अब राज्यसभा या लोकसभा सांसद तथा विधान परिषद या विधानसभा सदस्य के प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे। इन बैठकों में संबंधित जन प्रतिनिधियों को स्वयं शामिल होना होगा।
किसी नगरपालिका की बैठक में अब राज्यसभा या लोकसभा सांसद तथा विधान परिषद या विधानसभा सदस्य के प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे। इन बैठकों में संबंधित जन प्रतिनिधियों को स्वयं शामिल होना होगा। उनके स्तर से नियुक्त या प्राधिकृत कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे। इस नियम का पूरी सख्ती से पालन करने का आदेश नगर विकास एवं आवास विभाग ने दिया है।
इस मामले को लेकर विभाग के अपर सचिव ने सभी नगर निगम के नगर आयुक्त और सभी नगर परिषद या नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिखा है। आदेश में यह भी कहा गया है कि नगर निकायों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वार्ड पार्षद के प्रतिनिधि अपनी गाड़ी पर इस तरह के बोर्ड नहीं लगा सकते हैं। यानी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वार्ड पार्षद के प्रतिनिधि लिखा कोई बोर्ड किसी गाड़ी पर नहीं लगा होना चाहिए। हालांकि निकायों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वार्ड पार्षद अपनी गाड़ी पर अपने पदनाम वाला बोर्ड लगा सकते हैं। बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 के तहत उल्लेखित नियमों का पालन करने के लिए सभी नगर निकाय के अधिकारियों को करने के लिए कहा गया है।
विभाग को जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि नगर निकायों की बैठक में जनप्रतिनिधियों की तरफ से अपने प्रतिनिधि को प्राधिकृत करने की सूचना मिलती रहती है। साथ ही नगर निकायों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वार्ड पार्षद के प्रतिनिधियों के तौर पर गाड़ियों में बोर्ड लगाने से संबंधित शिकायत-पत्र भी विभाग को मिलते हैं। इसके मद्देनजर सभी को नियम का पालन करने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि राज्यसभा, लोकसभा, विधान पारिषद और विधानसभा के सदस्य अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र की नगरपालिका के सदस्य के तौर पर नामित होते हैं। नगरपालिका अधिनियम में यह प्रावधान है। इस नाते वे नगरपालिकाओं की बैठक में वे स्वयं भाग ले सकते हैं, लेकिन उनके प्रतिनिधि नहीं।