नौकरियां बांट रहे हैं, सैलरी कहां से लाएंगे? आरसीपी सिंह का नीतीश सरकार से सवाल
आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार की वित्तीय व्यवस्था पहले से गड़बड़ाई हुई है। नीतीश सरकार नौकरियां बांट रही हैं, ऐसे में आगे कर्मचारियों को देने के लिए सैलरी कहां से लाएगी?
बीजेपी नेता आरसीपी सिंह ने नीतीश सरकार की रोजगार नीति पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अभी भर्तियां कर रही हैं। नौकरियां बांटी जा रही हैं, मगर आगे ये कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए सैलरी कहां से लाएंगे। आरसीपी सिंह ने बीपीएससी शिक्षक बहाली को लेकर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती में नए कैंडिडेट की संख्या कितनी है, पहले यह बतानी चाहिए।
नालंदा में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आरसीपी सिंह ने शनिवार को मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में नीतीश सरकार ने पहले तरह-तरह की नियुक्ति की। पहले पंचायत शिक्षक बनाए गए। फिर नियोजित शिक्षक और रेगुलर शिक्षक अलग से नियुक्त हुए। अभी बीपीएससी ने परीक्षा ली है। उसमें जितने कैंडिडेट पास हुए उनमें कितने पहले से शिक्षा विभाग की नौकरी कर रहे हैं। यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।
आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार सरकार बाहर के उम्मीदवारों को भी नौकरी दे रही है। बिहार में रोजगार की पहले से कमी है। दूसरे प्रदेशों में ग्रुप सी और ग्रुप डी की नियुक्तियों में बाहर के लोगों को नहीं रखने का प्रयास होता है। मगर बिहार में इसके उलट हो रहा है। इससे राज्य के नए युवाओं को नौकरी कम मिली है।
उन्होंने सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि ये अभी नौकरियां बांट रहे हैं, लेकिन आगे तनख्वाह कहां से लाएंगे। बिहार की वित्तीय व्यवस्था कमजोर है। सैलरी का बजट कहां से आएगा? बिहार सरकार की आय मुश्किल 49,500 करोड़ रुपये है, जबकि पेंशन और सैलरी पर ही 90 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं।
आरसीपी सिंह ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार और बैंकिंग सिस्टम से पैसा नहीं मिलेगा, तब तक बिहार में कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलेगी। 33 साल से दोनों भाई (लालू और नीतीश) सत्ता में है, बिहार में कैसे संसाधन बढ़े, इसका कोई प्रयास नहीं किया। शराब से जो 25 हजार करोड़ रुपये आय होती थी, वो भी शराबबंदी करके खत्म कर दी। शराबबंदी भी कागज पर है, जमीन पर दारू की होम डिलीवरी हो रही है।
उन्होंने कहा कि पीएम का पद खाली नहीं है। मोदी ने जितना काम किया है, इससे तय है कि 2024 में फिर से वे प्रधानमंत्री बनेंगे। एक तरफ मोदी अकेले हैं और दूसरी तरफ 26 दल आ गए हैं। विपक्षी एकता के लिए महीनों से लगे हैं, लेकिन सफल नहीं हुए हैं। ये कैसे मोदी से लड़ेंगे।