बेंगलुरु महाजुटान पर RCP का अटैक, सभी डिमॉरलाज्ड नेता कर रहे बैठक; इडली-डोसा खाने गए हैं नीतीश
आरसीपी सिंह ने बारी-बारी से सभी नेताओं की व्याख्या की है। हालांकि, उन्होंने इसमें लालू यादव और सोनिया गांधी, राहुल गांधी का नाम नहीं लिया। कहा कि नीतीश कुमार लिट्टी चोखा छोड़कर इडली डोसा खाने गए हैं
विपक्षी एकता की दूसरी बैठक आज बेंगलुरु में हो रही है। 30 दिनों के अंदर हो रही दूसरी बैठक में शामिल होने के लिए सोनिया गांधी, मलिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, शरद पवा,र लालू यादव, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, एमके स्टालिन, ममता बनर्जी समेत सभी बड़े और छोटे विपक्षी नेता बेंगलुरु पहुंच गए हैं। इस बीच नीतीश कुमार के करीबी रहे आरसीपी सिंह ने विपक्षी एकता की बैठक पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि सभी हो चुके डिमॉरलाज्ड ननेताओं का जुटान हो रहा है और नीतीश कुमार लिट्टी चोखा छोड़कर इडली डोसा खाने गए हैं।
अपने ट्विटर अकाउंट पर बयान जारी कर आरसीपी सिंह ने बारी-बारी से सभी नेताओं की व्याख्या की है। हालांकि, उन्होंने इसमें लालू यादव और सोनिया गांधी, राहुल गांधी का नाम नहीं लिया। आरसीपी सिंह ने कहा है कि आज की बैठक में जितने नेता वहां जुटे हैं वे सब लोग किसी न किसी कारण से कुंठित है। इस बैठक के सबसे बड़े नेता शरद पवार माने जाते हैं । उनकी क्या स्थिति है। उनकी पार्टी टूट चुकी है और इस वजह से कुंठा में हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी की बात करें तो उनके नेता अरविंद केजरीवाल को देख लीजिए। उनके कई नेता जेल में हैं। अभी दिल्ली में तबाही मची है। जनता उपेक्षा करती है कि दिल्ली में रहकर कुछ भी सेवा करें। लेकिन, वह बेंगलुरु घूम रहे हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपनी स्थिति ठीक नहीं है। कोलकाता में हलचल मचा है जिससे अभी डिमॉरलाज्ड हैं। साउथ की बात करें तो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को देख लीजिए स्टालिन साहब की भी अच्छी स्थिति नहीं है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरसीपी सिंह ने बड़ा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि आरजेडी और जदयू के कार्यकर्ताओं के बीच जो स्थिति बनी हुई है उसे काफी असहज महसूस कर रहे हैं। वह इडली डोसा खाकर मन बहलाने के लिए बेंगलुरु गए हैं। यहां लोगों को लिटी चोखा खिलाए थे। अब साउथ का डिश खाने के लिए नीतीश जी गए हैं। इससे आगे उनसे कुछ होने वाला नहीं है।
आरसीपी सिंह ने कहा कि इस बैठक से कुछ होने वाला नहीं है क्योंकि, वहां शामिल होने वाले सभी नेता अपने कारनामों की वजह से या किसी न किसी कारण से सहज नहीं हैं। ऐसे लोग समर नहीं जीत सकते हैं क्योंकि जीत के लिए मनोबल की जरूरत होती है जो इनके पास नहीं है। विपक्षी एकता महाबैठक 2.0 में 26 राजनीतिक दलों के शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पटना में जिस तरीके से छोटे बड़े मिलाकर 17 दल थे वैसे ही वहां छोटे-छोटे दल मिल गए हैं और उनकी गिनती की जा रही है।
आरसीपी सिंह ने 2019 की याद दिलाई कहा कि इंडिया के बैनर तले काफी लोग जूते थे लेकिन उसका कुछ रिजल्ट नहीं निकला सब कुछ बेकार हो गया। वही हाल बेंगलुरु की बैठक का भी होने वाला है।
बताते चलें कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए बेंगलुरु में ‘हम एक हैं’ के संदेश के साथ विपक्षी दल के नेता जुटे हैं। विपक्षी दलों की दूसरी बैठक से पहले कांग्रेस की ओर से विपक्ष के नेताओं को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया गया। कांग्रेस के मुताबिक, बैठक में 26 दलों के नेता शामिल हुए।
विपक्ष की कई प्रमुख पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने रात्रिभोज के मौके पर बैठक की, जहां से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि वे लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं। मंगलवार को औपचारिक रूप से मंत्रणा करेंगे कि कैसे अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक साझा कार्यक्रम तैयार किया जाए और एकजुट होकर उसे मात दी जाए। विपक्षी दल के कुछ अन्य नेता भी मंगलवार को दूसरे दिन की बैठक में शामिल होंगे और इसके बाद विपक्षी दलों के नेता संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आगे की रूपरेखा पेश करेंगे।