रेलवे भर्ती घोटाला: भोला यादव और हृदयानंद से राज उगलवाने में जुटी CBI, लालू परिवार की बढ़ सकती है मुश्किलें
रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के खास भोला यादव और रेल कर्मचारी हृदयानंद चौधरी से सीबीआई सख्ती से पूछताछ कर रही है। लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
रेलवे भर्ती घोटाले में सीबीआई आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी भोला यादव और रेल कर्मचारी हृदयानंद चौधरी को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। सीबीआई दोनों आरोपियों से सीबीआई अफसर गहन पूछताछ कर रहे हैं। ऐसे में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को लेकर भी कई खुलासे हो सकते हैं। आने वाले दिनों में लालू की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
यह मामला तब का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थी। उस समय भोला यादव उनके ओएसडी रहे थे। उनपर आरोप है कि लालू के करीबियों के नाम पर जमीन करवाने के बदले उन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर लोगों को रेलवे में नौकरियां दिलाई थीं। उनके साथ गिरफ्तार हृदयानंद चौधरी को भी रेलवे में 2005 में नौकरी मिली थी, बाद में उसने लालू की बेटी हेमा यादव को पटना में लाखों रुपये की जमीन गिफ्ट दी थी।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने गुरुवार को कई घंटे तक पूछताछ की। दोनों से बारी-बारी घोटाले में अन्य लोगों की भूमिका के बारे में सवाल किए गए। भोला यादव से पूछा गया कि किस आधार पर और कैसे उन लोगों को बगैर विज्ञापन नौकरी दी गई, जिन्होंने लालू परिवार को जमीन बेची या उपहार में दी। इस घोटाले में कौन-कौन लोग शामिल हैं। किसके जरिए और किस तरह पूरी डील हुई थी? वहीं, हृदयानंद से पूछा गया कि उसका लालू परिवार से कोई रिश्ता नहीं है, फिर भी उसने कीमती जमीन हेमा को गिफ्ट में क्यों दे दी?
भोला यादव मास्टरमाइंड, लालू-राबड़ी भी आरोपी
सीबीआई ने 18 मई 2022 को जमीन के बदले नौकरी मामले में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव को नामजद आरोपी बनाया। इसके अलावा 12 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। इन पर लालू यादव के करीबियों को सस्ते दाम में जमीन बेचने या उपहार में देने के आरोप हैं। सीबीआई ने 20 मई को राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत लालू परिवार के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। भोला यादव को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।